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फोर्ड (Ford) द्वारा भारत में कारोबार बंद किया जा रहा है. अब कंपनी के कर्मचारियों और डीलरों ने इस कार्रवाई को चुनौती देने का मन बनाया है.
कर्मचारियों का कहना है कि फोर्ड इंडिया के भारत में बिक्री के लिए वाहनों को तुरंत बंद करने का निर्णय सीधे हजारों कर्मचारियों और इससे संबंधित क्षेत्रों के सैकड़ों अन्य लोगों को प्रभावित करेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के विंकेश गुलाटी ने फोर्ड के अपने प्लांट बंद करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए और फोर्ड इंडिया को उस अवधि के लिए सेवाएं जारी रखने के लिए मजबूर करना चाहिए जो उसके द्वारा बेचे गए वाहनों के लिए मायने रखती है.
FADA के CEO सहर्ष दमानी ने बताया कि फोर्ड ने निश्चित रूप से कहा है कि वे सर्विस सपोर्ट जारी रखेंगे, लेकिन एक बार जब आप भारत में काम करना बंद कर देते हैं, तो एक बड़ा प्रश्न चिह्न खड़ा होता है. भारत छोड़ने वाली कंपनियां ऐसी बातें कहती हैं कि सर्विस सपोर्ट जारी रखेंगे, लेकिन यह लंबे समय तक काम नहीं करती हैं क्योंकि स्पेयर पार्ट्स से संबंधित समस्याएं आती हैं.
दिल्ली के मोती नगर में एक आउटलेट, हरप्रीत फोर्ड में सेल्स रिप्रजेंटेटिव जितेंद्र सरदाना ने अखबार को बताया, "गुरुवार से कैंसलेशन शुरू हो गया है, जिस दिन फोर्ड इंडिया प्रमुख अनुराग मेहरोत्रा ने एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि हम साथ मिलकर काम करेंगे."
हरप्रीत फोर्ड के कार्यकारी निदेशक सुनील टंडन ने कहा कि हमारे डीलरशिप बुके में अन्य कार निर्माताओं के साथ कई डीलरशिप हैं, इसलिए हम जितना हो सके उतना खपाने की कोशिश करेंगे. मैं छोटे डीलरों के लिए ऐसा नहीं कह सकता. सर्विस सेक्शन जारी रहेगा, लेकिन सेल्स डिपार्टमेंट एक चिंता का विषय है. इसके संबंध में हम फोर्ड से बात करेंगे. यह वास्तविक है कि हमने 9 सितंबर, 1996 को परिचालन शुरू किया और फोर्ड की घोषणा 25 साल बाद उसी दिन हुई.
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