अब उंगली के इशारे पर चलेगा iPhone, स्क्रीन भी होगा कर्व्ड

आईफोन में स्क्रीन कंट्रोल और डिस्प्ले को लेकर दो बड़े बदलाव किये जा रहे हैं

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आईफोन में स्क्रीन कंट्रोल और डिस्प्ले को लेकर दो बड़े बदलाव किये जा रहे है
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आईफोन में स्क्रीन कंट्रोल और डिस्प्ले को लेकर दो बड़े बदलाव किये जा रहे है
(फोटो: Reuters)

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आने वाले समय में आईफोन में एक अनोखा फीचर देखने को मिलगा, जिसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है. इसके लिए एपल एक खास तरह की तकनीक पर काम कर रहा है. ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक इसके तहत फोन की स्क्रीन को छुए बिना सिर्फ उंगुली के इशारे से चलाया जा सकेगा. ऐसा ‘टचलेस जेस्चर कंट्रोल’ तकनीक से संभव होगा. इसके अलावा एपल 'कर्व्ड स्क्रीन' पर भी काम कर रहा है. इन दोनों फीचर्स की बदौलत एपल मोबाइल बाजार में प्रतिद्वंद्वियों से बहुत आगे हो जाएगा.

उंगली के इशारे पर चलेगी स्क्रीन

ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक आईफोन में दो बड़े बदलाव किये जा रहे है. इसमें पहला फीचर टच स्क्रीन जेस्चर कंट्रोल होगा. इन दिनों एपल ऐसी टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे बिना स्क्रीन को टच किये यूजर फोन का इस्तेमाल कर सजेगा. इस खास फीचर के तहत आईफोन यूजर्स कुछ टास्क बिना स्क्रीन को टच किए हुए उसके ऊपर फिंगर जेस्चर से ही कर सकेंगे. ऐसी टेक्नोलॉजी अब तक सिर्फ हॉलीवुड के साइंस फिक्शन फिल्मों में ही नजर आते थे. लेकिन अब एपल हकीकत में ऐसी टेक्नोलॉजी लेकर आ रहा है.

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कर्व्ड स्क्रीन होंगे नए आईफोन में

टच स्क्रीन जेस्चर के अलावा रिपोर्ट में जिस दूसरे फीचर की बात की गई है, वो है कर्व्ड स्क्रीन. हालांकि कर्व्ड स्क्रीन का कॉन्सेप्ट स्मार्टफोन में नया नहीं है. सैमसंग पहले से ही अपने स्मार्टफोन में कर्व्ड डिस्प्ले का फीचर मुहैया करा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईफोन में दिया जाने वाला कर्व्ड स्क्रीन सैमसंग से अलग होगा. सैमसंग में स्क्रीन  किनारों पर कर्व्ड डिस्प्ले दिया जाता है, जबकि आईफोन के कर्व्ड स्क्रीन में टॉप से लेकर बॉटम तक घुमावदार स्क्रीन होगी. इस तकनीक को ओएलईडी (ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड) नाम दिया गया है.

सैमसंग भी कर्व्ड स्क्रीन का फीचर देता है, लेकिन एपल का फीचर इससे बिलकुल अलग होगा(फोटो: Reuters)

रिपोर्ट के मुताबिक ये दोनों ही फीचर अभी टेस्टिंग के शुरुआती दौर में हैं. हालांकि यह दोनों टेक्नॉलॉजी इतनी जल्दी कस्टमर्स को नहीं दी जा सकती और इसको मार्केट तक आने में दो से तीन साल तक का समय लग सकता है. ऐसा भी मुमकिन है कि टेस्टिंग के बाद कंपनी इन फीचर्स को आईफोन में न भी दे. कंपनी ने इसपर अभी तक कुछ भी साफ नहीं कहा है.

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