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भारत सरकार ने 30 जुलाई को कलर टेलीविजन सेट के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. केंद्र सरकार ने ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' के तहत उठाया है. सरकार इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और गैर-जरूरी आयात को कम करने की कोशिश कर रही है.
ये ऐलान डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने किया है, जिससे कि देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले और चीन जैसे देशों से 'आने वाले गैर-जरूरी सामान' के आयात को कम किया जाए. इस फैसले में एलसीडी टीवी समेत 36 cm से लेकर 105 cm से ज्यादा स्क्रीन साइज के टीवी सेट शामिल हैं.
DGFT का नोटिफिकेशन कहता है: 'कलर टेलीविजन की आयात नीति ... को फ्री से बदलकर सीमित किया जाता है.'
जब किसी सामान को आयात की सीमित केटेगरी में रखा जाता है, तो इसका मतलब ये होता है कि जो भी उस सामान को आयात करना चाहता है उसे पहले वाणिज्य मंत्रालय के DGFT से लाइसेंस लेना होगा. चीन, वियतनाम, मलेशिया, हॉन्ग कॉन्ग, कोरिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और जर्मनी टेलीविजन के मुख्य निर्यातक देश हैं.
कई घरेलू ब्रांड्स ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. इनमें से कई ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग और असेम्बलिंग यूनिट्स भारत में ही हैं और इसी वजह से ये अब बाजार में अपने टेलीविजन सेट की बिक्री बढ़ा पाएंगे.
कलर टीवी के आयात को सीमित कर देने से पीएम मोदी की 'मेक इन इंडिया' मुहिम को बूस्ट मिलेगा. ऐसी संभावना है कि स्पोर्ट्स सामान, खिलौने, प्लास्टिक का सामान जैसे गैर-जरूरी आइटम पर भी आयात प्रतिबंध लग सकते हैं.
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