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चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. अब ISRO चीफ ने कहा है कि चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर होने का पता चला है. सिवन ने कहा कि ये जरूर 'हार्ड-लैंडिंग' रही होगी. ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से उसे नुकसान पहुंचने के सवाल पर सिवन ने कहा, ‘‘ हमें इस बारे में अभी कुछ नहीं पता''. उन्होंने कहा कि ‘विक्रम’ मॉड्यूल से संपर्क करने की कोशिश लगातार जारी है.
लैंडर को शुक्रवार देर रात करीब एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. इसरो के अधिकारियों के मुताबिक चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पूरी तरह सुरक्षित और सही है. लैंडर विक्रम का पता चला.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का पता लगा लिया है. इसरो चीफ के. सीवन ने रविवार को इसका ऐलान किया. सीवन ने कहा कि चंद्रमा का चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ने विक्रम की थर्मल तस्वीरें ली हैं. सीवन के मुताबिक हालांकि अभी विक्रम के साथ फिर से सम्पर्क नहीं हो सका है. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि लैंडर चांद की सतह से तेजी से टकराया है और इस कारण वो पलट गया है. अब उसकी स्थिति ऊपर की ओर बताई जा रही है."
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी संभावना भी है कि इससे लैंडर टूट गया हो. चांद की परिक्रमा कर रहे चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की तस्वीरें भेजी हैं.
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