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नासा को Perseverance Rover की वजह से मंगल ग्रह के बारे में काफी कुछ पता चला है. मंगल पर पानी के इतिहास से लेकर उसकी मिट्टी और उसके वातावरण में मीथेन की मौजूदगी तक, रोवर ने डेटा और तस्वीरों के जरिए बहुमूल्य जानकारी उपलब्ध कराई है. अब नासा ने एक और कारनामा अपने नाम कर लिया है. मंगल पर नासा ने एक एयरक्राफ्ट को नियंत्रित उड़ान दी है.
इस एयरक्राफ्ट को नासा ने Ingenuity नाम दिया था. इस एयरक्राफ्ट, इसके मिशन और इस फ्लाइट के बारे में सब जान लीजिए.
नासा ने Perseverance Rover के साथ ही Ingenuity एयरक्राफ्ट को भेजा था. Ingenuity रोवर के अंदर ही था. मंगल ग्रह पर रात के समय तापमान माइनस 90 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, इसलिए एयरक्राफ्ट को रोवर के अंदर सुरक्षित रखा गया था.
Ingenuity एयरक्राफ्ट को मंगल ग्रह की सतह पर उतारने के बाद रोवर थोड़ा पीछे हट गया था, जिससे कि एयरक्राफ्ट के सोलर पैनल चार्ज हो जाएं. पहले इसकी टेस्ट फ्लाइट 8 अप्रैल को होने वाली थी, लेकिन फिर इसे 11 अप्रैल के लिए टाल दिया गया था.
मंगल ग्रह का वातावरण पृथ्वी से बहुत अलग है. लाल ग्रह की हवा बहुत हल्की है और इसलिए Ingenuity एयरक्राफ्ट को उड़ने में बहुत दिक्कत हो सकती है. इस परेशानी से निपटने के लिए नासा ने प्रबंध किए हैं.
Ingenuity एयरक्राफ्ट डिजाइन और टेक्नोलॉजी के मामले में कुछ-कुछ एक ड्रोन जैसा है. हालांकि, इसके ब्लेड किसी ड्रोन के मुकाबले काफी बड़े हैं. ये 2400 आरपीएम यानी कि एक मिनट में 2400 रिवोल्यूशन घूमते हैं.
इसकी पहली उड़ान बहुत सामान्य होने वाली है. ये टेक ऑफ करेगा और लगभग 3 मीटर (10 फीट) की ऊंचाई पर पहुंचकर कुछ सेकंड के लिए हवा में रहेगा. इसके बाद एक छोटा सा टर्न लेकर लैंड कर जाएगा.
इस उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट हर एक सेकंड में 30 तस्वीरें खींचेगा. ये तस्वीरें मंगल ग्रह की सतह की और जानकारी देने में मदद करेंगी.
ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि नासा किसी दूसरे ग्रह पर एक नियंत्रित उड़ान का प्रदर्शन करेगा. नियंत्रित का मतलब ये नहीं है कि नासा अपने सेंटर से इसे नियंत्रित कर पाएगा. पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच की दूरी 200 मिलियन किलोमीटर से ज्यादा की है और रेडियो सिग्नल को ट्रेवल करने में कम से कम 11 मिनट लग जाएंगे.
इसका अंदाजा ऐसे लगाइए कि मंगल की सतह से उड़ने का मतलब है कि पृथ्वी पर 30,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे हों. ऐसा पहले कभी नहीं किया गया है.
Ingenuity एयरक्राफ्ट का कोई बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं है, लेकिन इसकी एक उड़ान ही पृथ्वी के लोगों के लिए उपलब्धि होगी.
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