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ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने 5G इंटरनेट के इंडिया में लॉन्च होने पर कहा है कि साल 2017 में इस तकनीक पर काम शुरु किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि इंटरनेट के मामले में भारत अब तक दुनिया से पीछे रहा है लेकिन 5G इंटरनेट के मामले में ऐसा नहीं रहना चाहिए.
केंद्र सरकार पहले ही आईआईटी बॉम्बे को 5G इंटरनेट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर रिसर्च करने का आदेश दे चुकी है.
दुनियाभर में इस समय 5G इंटरनेट पर रिसर्च जारी है. डेवलपमेंट के दौर में भी ये दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट है. ऐसे में ये सवाल लाजमी है कि ये आपकी जिंदगी कैसे बदलेगा?
5G इंटरनेट पर स्पीड 20GB पर सेकेंड से कहीं ज्यादा होने की उम्मीद है. इसका मतलब ये है कि अगर आप 1 जीबी की फिल्म (वीडियो फाइल) या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं तो एक सेकेंड में ऐसी 20 फाइलें डाउनलोड होंगी.
ड्रोन से पिज्जा डिलीवरी और सेल्फ ड्राइविंग कारों के बारे में आपने पहले भी सुना होगा. लेकिन 5G वो टेक्नोलॉजी है जिससे ये सब संभव होगा. सेल्फ ड्राइविंग कार जैसा कॉन्सेप्ट सफल होने के लिए कनेक्टिविटी होना आवश्यक है.
फिलहाल, इंटरनेट कंपनियों ने लैंड बेस्ड प्रोसेसिंग स्टेशन बना रखे हैं. 5G आने के बाद इंटरनेट को आसमान से बीम करने यानी बरसाने की योजना है. इसके तहत कई तरह के गुब्बारे छोड़े जाएंगे जो इंटरनेट को बीम करने में मदद करेंगे.
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