एंड्रॉयड के 800 ऐप बने ‘जेवियर’ वायरस के शिकार

मोबाइल ऐप रेपुटेशन सार्विस ने पाया है कि वायरस मोबाइल यूजर की जानकारी चुरा रहा है

द क्विंट
टेक टॉक
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800 से ज्यादा एप्लिकेशंस में ट्रोजन एंड्रायड वायरस ‘जेवियर’ की पहचान
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800 से ज्यादा एप्लिकेशंस में ट्रोजन एंड्रायड वायरस ‘जेवियर’ की पहचान
(फोटो:iStock)

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ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी कंपनी ट्रेंड माइक्रो ने बताया है कि उसने गूगल प्ले स्टोर के 800 से ज्यादा एप्लिकेशंस में ट्रोजन एंड्रायड मालवेयर 'जेवियर' की पहचान की है, जिन्हें अब तक लाखों बार डाउनलोड किया जा चुका है.

'जेवियर' मालवेयर संक्रमित मोबाइल के यूजर की जानकारियों को चुराता है. ट्रेंड माइक्रो ने एक बयान में कहा:

इस वायरस से संक्रमित होने वाले एप्लिकेशंस में यूटिलिटी ऐप से लेकर फोटो ऐप, वॉलपेपर ऐप और रिंगटोन चेंजर ऐप तक शामिल हैं. हम इस तरह के खतरों से यूजर्स को बचाने के लिए मोबाइल सुरक्षा सिक्‍योरिटी सॉल्‍यूशन मुहैया कराते हैं.

ट्रेंड माइक्रो की टीम ने अपने 'मोबाइल ऐप रेपुटेशन सर्विस' के आंकड़ों में पाया कि 'जेवियर' किसी मोबाइल यूजर की जानकारियां चुरा रहा है, इसे जान पाना बेहद कठिन है.

इस टीम का कहना है कि ऐसा जेवियर में मौजूद आत्म सुरक्षा प्रणाली के कारण है, जो स्ट्रिंग एनक्रिप्शन, इंटरनेट डेटा एनक्रिप्शन और इम्यूलेटर डिटेक्शन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करता है.
ट्रेंड माइक्रो के कंट्री मैनेजर (भारत और सार्क) नीलेश जैन का कहना है, "जेवियर जैसे बेहद तेज वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि किसी अज्ञात सोर्स से प्राप्त एप्लिकेशन को डाउनलोड या इंस्टाल न करें, चाहे वह गूगल प्ले स्टोर से ही क्यों न हो."

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