advertisement
फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि वह अपने कर्मचारियों को राजनीतिक आधार पर खबरों को ट्रेंडिंग लिस्ट से ब्लाक करने की अनुमति नहीं देता. सोमवार को तकनीकी समाचार वेबसाइट “गिजमोडो” ने एक पूर्व फेसबुक कर्मचारी के हवाले से बताया कि नियमित रुप से कर्मचारी पाठकों के हित से जुड़ी खबरें दबाते हैं. साथ ही अपने तरीके से ट्रेंडिंग लिस्ट में स्टोरी भी जोड़ते हैं.
गिजमोडो स्टोरी के बाद सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया. बहुत से पत्रकारों और वक्ताओं ने इस पर चिंता व्यक्त की.
न्यूज रुम में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार मार्च में औसतन हर दिन 1 बिलियन लोग दुनिया के कोने - कोने में पहुंच रखने वाली सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर सक्रिय रहे. गुरुवार को मीडिया संबंध विभाग में प्रकाशित पोस्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी ने विस्तार से “ट्रेंडिंग टापिक्स” का पूरा सिस्टम बताया.
पोस्ट में यह भी बताया गया किस तरह लोगों की न्यूज फीड में स्टोरी पहुंचती है . यह एक अल्गोरिदम से तय होता है ,उसके बाद स्टोरी “ट्रेंडिंग टाॅपिक ” टीम के पास निरीक्षण के लिए जाती है.
वाणिज्य,विज्ञान और ट्रैफिक कमेटी के अध्यक्ष अमेरिकी सीनेटर जाॅन थुने ने बयान जारी करते हुए कहा फेसबुक को इन गंभीर आरोपों
जवाब देना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)