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गूगल ने वॉट्सएप और फेसबुक मैसेंजर की टक्कर में अपना नया इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप ‘एलो’ पेश किया है.
‘एलो’ का ऐलान इस साल मई में ही कर दिया गया था. इसका इस्तेमाल एंड्रॉयड और आईओएस, दोनों ही प्लेटफॉर्म पर किया जा सकेगा.
इसमें ‘गूगल एसिस्टेंट’ का भी फीचर दिया गया है, जिसमें आप चैट करते हुए कोई भी चीज सर्च कर सकते हैं. यह आपको ऐसा आभास कराएगा, जैसे आप सच में किसी के साथ चैट कर रहे हों.
सबसे पहले ऐप इंस्टाल करना होगा. ये आपके नंबर को एक्सेस करेगा, जिसके बाद आप चैट शुरू कर सकते हैं. इसी तरह ऐप से और सुविधा लेने के लिए डिवाइस लोकेशन, मैसेज, कैमरा, फोटो लाइब्रेरी और माइक्रोफोन जैसे चीजों पर एक्सेस की परमिशन देनी होगी. यह ये भी बता देगा कि और कौन-कौन इस ऐप का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे आप चैट शुरू कर सकते हैं.
एलो में आप मनोरंजन, जोक्स, कविताएं, न्यूज, मौसम, खेल आदि जैसी चीजें चैट के दौरान सर्च कर सकते हैं.
गूगल असिस्टेंट एक स्मार्ट असिस्टेंट है, जो आपसे किसी आदमी की तरह चैट करता है और स्मार्ट जवाब देता है. यह एपल के सीरी से मिलता-जुलता है, जिसमें आपको नेचुरल तरीके से जवाब मिलता है. गूगल असिस्टेंट का इस्तेमाल आप चैट के दौरान भी कर सकते हैं. यह आपको किसी भी सवाल के जवाब देने के साथ-साथ डायरेक्ट वीडियोज के लिंक भी देता है, जिससे आप उसके स्मार्ट जवाब को बेहतर तरीके से समझ सकें.
आपको ‘एलो’ में इतना कुछ जरूर मिल रहा है, लेकिन बदले में यह आपकी निजी जानकारी तक पहुंच बनाएगा. सुरक्षा सलाहकारों ने गूगल की इस सुरक्षित कही जाने वाली एप्लिकेशन पर सवाल उठाए हैं.
ये बात सही है कि गूगल के सर्वर पर मेसेज एनक्रिप्ट रहेंगे, लेकिन जानकारी मांगने पर गूगल आपकी चैट या और जानकारियां सरकार या पुलिस से शेयर कर सकता है. फेमस व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने ट्विटर पर इस ऐप के बारे में नाराजगी जाहिर की है.
एडवर्ड के ट्वीट्स देखें
प्राइवेसी के सवाल पर जब पूछा गया तो, गूगल इंडिया के प्रवक्ता ने ये कहा:
गूगल ने पिछले महीने गूगल डुओ भी पेश किया है, जो वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म पर स्काइप से प्रतिस्पर्धा करेगा. लेकिन अब एलो ऐप कितना कारगर होता है, ये तो यूजर्स के आजमाने पर ही निर्भर करेगा.
(भाषा इनपुट के साथ)
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