advertisement
इंटरनेट की लत इस हद तक बढ़ती जा रही है कि अब लोग होटल, रेस्टोरेंट या किसी के घर मिलने जाते हैं तो हाल चाल पूछने से पहले वाईफाई का पासवर्ड मांग लेते हैं. लेकिन यह लत आपके लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है. दरअसल, एंटी वायरस कंपनी सिमेंटेक ने अपने 'नॉर्टन वाई-फाई रिस्क रिपोर्ट 2017' में फ्री वाईफाई को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है.
सिमेंटेक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रहने वाले लोग वाईफाई के लिए रिस्क की परवाह नहीं करते हैं. और रिस्क लेने वालों में भारतीय दुनिया में सबसे आगे हैं. भारत में फ्री वाईफाई के चक्कर में 96 फीसदी लोग भारी रिस्क लेते हैं. सिमेंटेक ने 15 देशों में सर्वे कर यह रिपोर्ट बनाई है.
इस सर्वे में 15 देशों के 15,000 से ज्यादा यूजर्स को शामिल किया गया था, लेकिन सबसे खास बात यह है कि लगभग आधे (48%) भारतीय यूजर्स बिना वाईफाई ओनर के परमिशन के वाईफाई इस्तेमाल करते हैं. मतलब चोरी छिपे वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं.
जब आप किसी का वाईफाई इस्तेमाल करने के लिए उससे पासवर्ड मांगते हैं तो आप साथ ही बिना चाहे अपने मोबाइल में उस वाईफाई नेटवर्क को एक्सेस भी दे देते हैं. सिमेंटेक की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्री वाईफाई के लिए पर्सनल मेल, फोटो, मोबाइल में मौजूद ऐप, कॉन्टेक्ट लिस्ट का एक्सेस देते है. यहां तक कि बैंक अकाउंट जैसी इम्पोर्टेन्ट इन्फॉर्मेशन भी एक्सेस की जा सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्री वाईफाई से करीब 31% लोग अश्लील कंटेंट देखते हैं, जबकि 44% लोग ऑफिस में अश्लील कंटेंट देखते हैं. वहीं 49% लोग होटल में अश्लील कंटेंट देखते हैं. साथ ही 48% लोग चोरी से वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं.
(हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)