Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Tech and auto  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Tech talk  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ISRO का नया कारनामा, सबसे विशाल रॉकेट की लॉन्चिंग के लिए तैयार

ISRO का नया कारनामा, सबसे विशाल रॉकेट की लॉन्चिंग के लिए तैयार

इसरो करीब 200 बड़े एशियाई हाथियों के बराबर वजन के रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है.

भाषा
टेक टॉक
Published:
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः ISRO)
i
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः ISRO)
null

advertisement

अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो एक और नया कीर्तिमान बनाने की तैयारी में है. इसरो अब भारत में विकसित करीब 200 बड़े एशियाई हाथियों के बराबर वजन के रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. ये राकेट जमीन से भारतीयों को अंतरिक्ष में पहुंचा सकता है.

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में देश के सबसे आधुनिक और भारी जियोसिंक्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क तीन (GSLV MK-3) को रखा गया है. ये अब तक के सबसे वजनदार सैटेलाइट को ले जाने में सक्षम है.

इसके साथ ही इसरो ने विश्व के कई करोड़ डॉलर के लॉन्चिग मार्केट में मजबूत स्थिति बना ली है. हालांकि GSLV MK-3 का यह पहला प्रैक्टिकल लॉन्च है.

अगर सबकुछ प्लान के हिसाब से चलता है तो इस रॉकेट को धरती से भारतीयों को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाले सबसे बेहतरीन ऑप्शन के तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

GSLV MK-3 की खासियत

  • ये रॉकेट पृथ्वी की कम ऊंचाई वाली कक्षा तक आठ टन वजन ले जाने में सक्षम है.
  • इस रॉकेट का डिजाइन शानदार है. इसकी लंबाई 43 मीटर है, जो तीन बड़े भारतीय रॉकेटों में सबसे छोटा है.
  • भारत के सबसे बड़े रॉकेट GSLV MK-2 से डेढ़ गुणा अधिक है और PSLV से दोगुना अधिक है.
  • दो एसयूवी के बराबर वजन अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम है.

इसरो के एक सांइटिस्ट ने बताया ‘ये पूरी तरह से एक नया रॉकेट है और अधिक क्षमता वाली एक पूरी नई सैटेलाइट लॉन्चिग के लिए तैयार है.'

इसरो के लिए यह मिशन आसान काम नहीं होगा. पहले रॉकेट लॉन्च के मामले में भारत का रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा है.

1993 में इसरो का PSLV अपने पहले लॉन्च में फेल हो गया था. GSLV Mk-1 भी 2001 में अपने पहले लॉन्च में असफल हो गया था. तब से लेकर अब तक उससे 11 लॉन्च हुए हैं जिसमें से आधे सफल रहे हैं.

इसरो पहले ही अंतरिक्ष में दो-तीन मेंबर वाले चालक दल भेजने की योजना तैयार कर चुका है. इसरो को इस मिशन के लिए सरकार से तीन-चार अरब डॉलर की राशि मिलने का इंतजार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT