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Jio के आने से देश में डिजि‍टल मार्केटिंग का ग्राफ जाएगा ऊपर

भारत में आम तौर पर टीवी और होर्डिंग पर विज्ञापन ज्यादा दिए जाते हैं.

आईएएनएस
टेक टॉक
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भारत का डिजिटल मार्केटिंग में योगदान लगातार बढ़ रहा है. (फोटो: I-stock) 
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भारत का डिजिटल मार्केटिंग में योगदान लगातार बढ़ रहा है. (फोटो: I-stock) 
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आजकल रिलायंस जियो सुर्खियों के छाया हुआ है. दरअसल, जियो मुफ्त कॉलिंग की सुविधा देने और डेटा महज 5 पैसे प्रति एमबी की दर से उपलब्‍ध कराने का दावा कर रहा है.

जानकारों का मानना है कि इस तरह के ऑफर से ‘डिजिटल इंडिया’ का लक्ष्‍य हासिल करना आसान होगा.

लायकोस इंटरनेट लि. के अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश रेड्डी का कहना है कि भारत में डिजिटल मार्केटिंग, दुनिया की डिजिटल मार्केटिंग का बहुत छोटा-सा हिस्सा है, जो 200 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है.

भारत में आम तौर पर टीवी और होर्डिंग पर विज्ञापन ज्यादा दिए जाते हैं.

यूजर्स की अगली पीढ़ी ज्यादातर मोबाइल पर ही निर्भर होगी. अब हर कोई स्मार्टफोन को निहार रहा है और होर्डिंग की तरफ देखने की किसी को फुर्सत नहीं है. तो आपको भी वहीं अपना विज्ञापन देना होगा.
सुरेश रेड्डी, अध्यक्ष सह मुख्य अधिकारी, लायकोस इंटरनेट लि.

भारत अब तक डिजिटल मार्केट के क्षेत्र में इसलिए पिछड़ा हुआ था, क्योंकि यहां इंटरनेट की मौजूदगी कम थी और लोग डेटा प्लान में ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते थे. लेकिन अब जियो के आने से इसमें परिवर्तन होगा.

रेड्डी का कहना है कि दूरसंचार बाजार अब डेटा आधारित होगा, जिससे ऑनलाइन विज्ञापन का बाजार फलेगा-फूलेगा.

जियो के आने से भारत में इंटरनेट की मौजूदगी बढ़ गई है. (फोटो: TheQuint)

जियो से डेटा की खपत बढ़ेगी

फिलहाल ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में अमेरिका की भागीदारी 50 फीसदी, यूरोप की भागीदारी 20 फीसदी और दक्षिण अमेरिका की भागीदारी 16-17 फीसदी है.

रेड्डी ने बताया, “रिलायंस ने सब कुछ नए सिरे से किया है. उनका जोर डेटा पर है, जबकि एयरटेल, वोडाफोन या आइडिया का जोर वॉयस पर है. इसलिए अब इस चलन में बड़ा बदलाव होने वाला है.”

लेकिन रिलायंस कॉलिंग मुफ्त देकर मुनाफा कैसे कमाएगी?

रेड्डी बताते हैं, “ऐसा ही सवाल तब उठ खड़ा हुआ था, जब 1998-2000 के दौरान इंटरनेट आया था. तब प्रति कॉल, प्रति मेगाबाइट के हिसाब से शुल्क वसूला जाता था. लेकिन अब इसका रेट नॉर्मल है.”

कमाई करने के कई तरीके हैं. चूंकि रिलायंस जियो एक टेलीफोन कंपनी और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी दोनों है, इसलिए वह दोनों ही तरीके से कमाई करेगी.

यह तो केवल शुरुआत है. दूसरी कंपनियां भी जल्द उन्‍हें ही फॉलो करेंगी. इसके नतीजे से देश के हर क्षेत्र में भी इंटरनेट की पहुंच तय हो जाएगी.

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