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पासवर्ड, पासवर्ड, पासवर्ड... फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, जी-मेल, एटीएम, नेटबैंकिग और भी न जाने कितने पासवर्ड. अगर ऑफिस का आउटलुक और कंप्यूटर के पासवर्ड को इसमें जोड़ लें, तो पासवर्ड का बोझ और बढ़ जाता है. जाहिर-सी बात है इतने सारे पासवर्ड याद रखना कोई आसान काम तो है नहीं.
इतने पासवर्ड को याद करने से सभी कतराते हैं. इससे बचने के लिए कुछ लोग अपनी मम्मी या पापा के मोबाइल नंबर को ही पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, जबकि कुछ लोग सभी एकांउट के लिए सेम पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं. इतने आसान पासवर्ड को क्रैक करना हैकर के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र अभिनव बताते हैं कि वो फेसबुक, ट्विटर और जीमेल के लिए एक ही पासवर्ड यूज करते हैं. वो कहते हैं कि कितना पासवर्ड याद करूं, इसलिए सेम पासवर्ड हर जगह यूज करता हूं.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के लॉ के छात्र प्रवीण ने आसान रास्ता चुना है. उनके फेसबुक और जीमेल अकांउट का पासवर्ड उनके पापा या मां का मोबाइल नंबर है. वह अक्सर अपना पासवर्ड भूल जाते हैं. इसलिए इस तरह का पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं.
अगर आपका पासवर्ड यूनिक और स्ट्रॉन्ग नहीं है, तो हैकर को आपके अकाउंट को हैक करने में समय नहीं लगेगा.
इंटरनेट यूजर्स की संख्या दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है. कई सोशल साइट्स है. सभी इंटरनेट यूजर्स हर सोशल साइट्स पर अपना अकाउंट बनाना चाहता है. अकाउंट बनाने के बाद शुरू होती है पासवर्ड याद करने की चुनौती. कई पासवर्ड हो जाने पर लोग अमूमन भूल जाते हैं.
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एमबीए के छात्र नितिन यादव बताते हैं कि पासवर्ड भूलने के बाद बहुत गुस्सा आता है. उस टाइम अपने बाल नोचने का मन करता है.
इंटरनेट पर कुछ भी सेफ और सिक्योर नहीं है. इंटरनेट पर मौजूद कोई भी चीज हैक हो सकती है. इससे बचने के लिए एक स्ट्रॉन्ग पासवर्ड की जरुरत होती है. कुछ लोग पासवर्ड तो स्ट्रॉन्ग और सिक्योर बना लेते हैं, लेकिन भूलने से बचने के लिए ईमेल में सेव करके रख लेते हैं, जबकि यह सेफ नहीं है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पासवर्ड को लिखकर कहीं रखना सेफ नहीं होता है. पासवर्ड याद करने के लिए कोई हिंट्स या सिंबल लिखकर रखना सेफ होता है. और फोन में पासवर्ड सेव करना तो जानबूझकर गलती करने जैसा है क्योंकि अगर फोन चोरी हो गया तो सारे पासवर्ड चोर के पास समझिए.
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