advertisement
एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसे टेलीकॉम ऑपरेटरों की आपत्ति के बावजूद रिलायंस जियो अपने मुफ्त डेटा का ऑफर 31 दिसंबर के आगे भी बढ़ा सकता है.
रिपोर्टों के मुताबिक, जियो अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा कर सकता है. इससे दूसरी कंपनियों को और ज्यादा तकलीफ हो सकती है.
जियो जल्द से जल्द 10 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ना चाहता है. लेकिन क्या मौजूदा कानून इस बात की इजाजत देते हैं? भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के एक सीनियर अधिकारी ने क्विंट को बताया,
लाइसेंस एग्रीमेंट में टैरिफ प्लान और ग्राहक रजिस्ट्रेशन के लिए तो नियम है, लेकिन ट्रायल अवधि के बारे में कुछ भी साफ नहीं है.
विशेषज्ञों से बात करने के बाद यह साफ है कि लाइसेंस एग्रीमेंट में खामियों को दूर करने की जरूरत है. लेकिन जब तक ट्राई इस मामले में कानून बनाकर इसे अपडेट करेगा, तब तक रिलायंस बहुत बड़ी ग्राहक संख्या पर कब्जा कर चुका होगा. एक विशेषज्ञ ने द क्विंट को बताया,
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने अगस्त माह में टेलीकॉम डिपार्टमेंट को लिखा था कि जियो मार्केट वैल्यू से काफी कम कीमत में सर्विस बेच रहा है, जो सरासर गलत है. सीओएआई ने आरोप लगाया था कि जियो ग्राहकों द्वारा की जाने वाली कॉल से नेटवर्क भी जाम हो गया है.
जियो ने ट्रायल पीरियड के दौरान 18 लाख ग्राहक बनाने का दावा किया है. अगर फ्री ट्रायल ऑफर की डेट बढ़ाई जाती है, तो जियो ग्राहकों की संख्या भी बढ़ाना चाहेगा. बड़े ग्राहकों को लुभाने के लिए स्पेशल ऑफर भी प्लान करना होगा. एक अनुमान के मुताबिक, 70 फीसदी व्यापार सिर्फ 30 फीसदी बड़े ग्राहकों से आता है.
अधिकारियों के मुताबिक, जियो के ऑफर से मुकाबला करने के लिए मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटरों को अपने डेटा टैरिफ कीमतो में 25-50 फीसदी की गिरावट करनी होगी.
अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लिए एक और मंच है- अदालत. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि रिलायंस जियो जो कर रहा है, उसे अदालत में गैरकानूनी साबित कर पाना कठिन है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)