फिरौती वायरस के हमले से है बचना तो ये 8 काम जरूर करना

किसी भी अनजान मेल को ना खोलें. आपके कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद लोग भी अगर इस तरह के मेल भेजें तो उसे भी न खोलें.

शादाब मोइज़ी
टेक टॉक
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क्या आप भी साइबर अटैक हमले का शिकार हुए हैं? ऐसा हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि पिछले दो दिनों से ग्लोबल साइबर अटैक ने दुनिया के करीब 100 देशों की नींद उड़ा रखी है. इस साइबर अटैक में दुनिया भर के करीब 100 देशों के 1,50,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम में वॉनाक्राई रैनसमवेयर नाम का वायरस आ गया था.

इस रैनसमवेयर अटैक ने उन नेटवर्क और कंप्यूटर को ज्यादा नुक्सान पहुंचाया है जो पुराने और आउट डेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे थे. जैसे कि विंडोज XP यूजर्स और पायरेटेड विंडोज यूजर्स. लोगों की फाइल्स लॉक हो गई हैं और ऐक्सेस रीस्टोर करने के बदले में उनसे फिरौती की तरह पैसे मांगे जा रहे हैं.
रैनसमवेयर अटैक होने पर फाइल्स लॉक हो जाती है जिसके बाद ऐक्सेस रीस्टोर करने के बदले फिरौती की मांग की जाती है (फोटो: AP)

इसी को देखते हुए साइबर सुरक्षा एजेंसी कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने इंटरनेट यूजर्स को रैन्समवेयर अटैक से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है.

जानिए कैसे बचें साइबर अटैक से?

1. माइक्रोसॉफ्ट का सिक्योरिटी पैच करें इंस्टॉल

किसी भी मैलवेयर और वायरस के अटैक से बचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज सिस्टम के लिए एक पैच बनाया है. इस पैच को विंडोज यूजर अपने सिस्टम में तुरंत अपलोड कर सकते हैं.

सीईआरटी-इन के मुताबिक अगर कोई यूजर अपने सिस्टम पर सिक्योरिटी पैच इनस्टॉल नहीं कर पा रहा है तो यह माना जा सकता है कि उसका सिस्टम पहले से ही वॉनाक्राई रैनसमवेयर वायरस के चपेट में आ चुका है. ऐसे में, सीईआरटी-इन ने यह सलाह दी है कि यूजर्स को अपने सिस्टम को बाकी नेटवर्क से तुरंत डिसकनेक्ट कर देना चाहिए. क्योंकि लैन कनेक्शनों के जरिए बाकी कंप्यूटरों को भी यह नुकसान पहुंचा सकता है.

2. ऑथेंटिक एंटी-वाइरस करें इंस्टॉल

अगर आप के लैपटॉप या कंप्यूटर में ऑथेंटिक एंटी वायरस नहीं है तो तुरंत ऑथेंटिक एंटी वाइरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें. इससे आप नॉर्मल वाइरस से तो कम से कम बच ही सकते हैं. साथ ही एंटी वायरस के मदद से आप वायरस स्कैन कर मैलवेयर को ब्लॉक कर सकते हैं.

सीईआरटी-इन के एक प्रतिनिधि ने कहा-

हमने इस रैनसमवेयर के सात रूपों का पता लगाया है. साथ ही फ्री बॉटनेट टूल भी तैयार किया है. जो हमारे साइबर स्वाच्छता केन्द्र वेबसाइट पर मौजूद है. जिसकी मदद से अपने सिस्टम से बॉट्स और मैलवेयर को आसानी से हटाया जा सकता है.

3. 'प्लीज रीड मी' जैसे मैसेज को ना पढ़ें

रैनसम मैलवेयर के जरिए लोगों को प्लीज रीड मी जैसे फाइल, अटैचमेंट, यूआरएल और मेसेज भेजे जाते हैं और उन्हें फंसाया जाता है. इन फाइलों के आखिर में .docx, .lay6, .accdb, .java, और .sqlite3, लिखा हो सकता है. ऐसी फाइलों को कभी भी ना खोलें.

किसी भी अनजान मेल को ना खोलें. आपके कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद लोग भी अगर इस तरह के मेल भेजें तो उसे भी न खोलें.

4. हर सिस्टम से खुद को करें लॉगआउट

अकसर ऐसा होता है कि हम अपने पर्सनल कंप्यूटर या ऑफिस के कंप्यूटर में अपना ईमेल और बाकी दूसरे अकाउंट लॉगिन रखतें हैं. अगर ऐसा करते हैं तो तुरंत सभी सिस्टम से अपने अकाउंट को लॉगआउट करें और फिर से लॉगइन कर इस्तेमाल करें.

5. मोबाइल एेप या शॉपिंग एेप से बैंक अकाउंट डिटेल्स को करें डिलीट

अगर आप ने अपना बैंक अकाउंट डिटेल्स किसी भी शॉपिंग एप्लीकेशन में सेव कर रखा है तो वहां से तत्काल हटा लें. जरूरत के मुताबिक ही बिना बैंक अकाउंट नंबर सेव किए ही शॉपिंग एेप का इस्तेमाल करें

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6. फोटो, वीडियो और डेटा का सिक्यॉर बैकअप लें

एक बार अगर वाइरस ने आपकी फाइल्स को एनक्रिप्ट कर दिया मतलब डिजिटल तालाबंदी कर दी तो आपके पास उन्हें वापस लेने के लिए बहुत कम ऑप्शन बचेंगे. इसलिए इस साइबर अटैक से बचने के लिए जरूरी फाइल्स का बैकअप लें.

आप अपनी पर्सनल फोटो, वीडियो या जरूरी डेटा को अपने एक्स्ट्रा हार्ड डिस्क में सेव करें. और बैकअप लेने के तुरंत बाद हार्ड ड्राइव को अपने सिस्टम से डिसकनेक्ट कर दें. इसके अलावा क्लाउड सर्विसेज पर भी अपने डेटा का बैकअप लें.

7. एडल्ट साइट देखने से बचें

ऐसा कई बार होता है कि आपत्तिजनक तस्वीर और वीडियो की झलक दिखा कर यूजर्स को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है. फिर लिंक पर क्लिक करने पर सिस्टम हैंग हो जाता है या सिस्टम में वायरस आ जाता है.

उसके बाद यह कहा जाता है कि आपको पॉर्न देखते और डाउनलोड करते पकड़ लिया गया है और अगर आप ने फिरौती नहीं दी तो आपके सिस्टम के फाइल्स और आप की वेब हिस्ट्री आप के दोस्तों और बाकी लोगों के साथ शेयर की जाएगी. तो ऐसे किसी भी वेबसाइट या यूआरएल पर क्लिक करने से बचें.

8.पायरेटेड सॉफ्टवेयर ना करें इस्तेमाल

कई बार पैसा बचाने के चक्कर में हम नकली सॉफ्टवेयर अपने सिस्टम में डाउनलोड कर लेते हैं. तो ऐसे पायरेटेड सॉफ्टवेयर सबसे पहले रैनसमवेयर अटैक के चपेट में आ सकते हैं. ऐसे नकली सॉफ्टवेयर को तुरंत करें डिलीट.

इंपुट - ब्लूमबर्ग क्विंट

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Published: 15 May 2017,07:49 PM IST

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