advertisement
वरूण की लंबी और पतली उंगलियां जिस तरह से स्माटफोन पर मूव कर रही थी उसे देखकर मैं ठिठक गई.
मैं छिपी नजरों से ये देखने की कोशिश करने लगी कि आखिर वो इतनी फुर्ती से कर क्या रहा था. अचानक से उसकी नजर मुझ पर पड़ी और वो थोड़ा नर्वस सा हो गया और ये दिखाने की कोशिश करने लगा कि जैसे उसका सारा ध्यान टीवी पर दिख रहे महेंद्र सिंह धोनी पर हो.
अगले ही पल उसकी सारी असहता दूर हो चुकी थी और एकबार फिर उसका सारा ध्यान स्मार्टफोन की स्क्रीन पर था. स्क्रीन पर रिया नाम की एक लड़की की तस्वीर थी जिसकी उम्र का ब्योरा भी दिया हुआ था.
मुझे समझने में वक्त नहीं लगा और मैंने भी उसकी खिंचाई करते हुए उसे एक चपत लगा दी और कहा कि मैं जानती हूं तुम लड़कों के दिमाग में हर समय एक ही बात चलती रहती है. पर सारी लड़किया हाॅट नहीं हो सकतीं.
उसने अपने स्मार्टफोन को अपनी छाती से चिपका लिया और बेशर्मों वाली हंसी हंसने लगा. पर सच्चाई ये थी कि इससे ठीक पहले मैं खुद एक लड़के की तस्वीर दस अलग-अलग एंगल से देख चुकी थी. वरूण ने खींसें दिखाते हुए कहा कि किसी न किसी को तो आगे बढ़ना ही होगा.
न्यूयाॅर्क टाइम्स का दावा है कि मशहूर डेटिंग ऐप टिंडर पर राइट स्वैप करने वाले मर्दों की संख्या महिलाओं की तुलना में तीन गुना है. दरअसल, इस ऐप में यूजर को जब किसी शख्स की तस्वीर पसंद आ जाती है और वो उससे चैट करना चाहता है तो उसे उस प्रोफाइल को राइट स्वैप करना होता है.
राइट स्वैप करने का मतलब है लाइक करना और लेफ्ट स्वैप करने का मतलब है पसंद नहीं आना. न्यूयाॅर्क टाइम्स के अनुसार, इस डेटिंग ऐप पर राइट स्वैप करने वाले मर्दों की प्रतिशतता जहां 45 फीसदी है वहीं महिलाओं की 14 फीसदी.
मैं ये दावे के साथ तो नहीं पर अनुमान के आधार पर कह सकती हूं कि ज्यादातर मर्द यहां डांस बार लाॅजिक का पालन करते हैं क्योंकि उन्हें भी कहीं न कहीं ये पता होता है कि ज्यादातर प्रोफाइल फेक ही होते हैं और लड़के ही लड़कियों के नाम पर प्रोफाइल चला रहे होते हैं.
एक बेपरवाह सिंगल होेने के नाते मुझे ये कहने में कोई हर्ज नहीं होगा कि मैं भी कुछ हद तक टिंडर यूज करती हूं.
पर मैं इसे न तो वाइल्ड होने के लिए इस्तेमाल करती हूूं और न ही किसी अनजान शख्स के साथ सेक्स के लिए पर मैं ये भी नहीं कहूंगी मैं यहां सिर्फ दोस्त बनाने के लिए हूं. हालांकि मेरे इस विचित्र से लाइफस्टाइल को लेकर कई बार लोगों को सफाई देनी पड़ती है.
मुझे याद नहीं पड़ता कि इस ऐप को इस्तेमाल करने के कुछ नियम या कायदे हैं.
अगर मर्द इस तरह के डेटिंग एप्स को धड़ल्ले से इस्तेमाल कर सकते हैं तो औरतें क्यों नहीं.
टिंडर डेट को लेकर मेरी आंखों की चमक का कई बार मजाक बना. कई बातों की तरह कहा गया कि तुम्हें तो पहले ही समझाया था. यहां तक दूसरी काॅल का इंतजार करने को लेकर भी मुझे लोगों की कटाक्षपूर्ण नजरों का सामना करना पड़ा.
लेकिन, पक्का, जब किसी से आमने-सामने मिलते होंगे तो ऐसा कुछ भी नहीं होता होगा ?
भले ही वो चाहे बार या उस जैसी किसी दूसरी जगह पर ही क्यों न हो? ऐसा कभी नहीं होता होगा, है न?
क्योंकि अगर कोई शख्स बार में आपके पास चलकर आ रहा है तो कुछ भी अजीब नहीं हो सकता, सही कहा न?
विडंबना ये है कि ये कुछ वैसा ही है जैसे शाकाहारी लोग मांस को निषेध बताते हैं और कुछ ब्रम्हचारी ये बताते हैं कि एक औरत को कितने बच्चे पैदा करने चाहिए. ये सबकुछ काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. आपको शायद यकीन न हो लेकिन टिंडर के कई ऐसे समर्थक हैं जो खुद इसे यूज भी नहीं करते.
पर असली मुसीबत तो तब होती है जब मुझे समाजसुधारक बनना पड़ता है और खुद को ही इसके लिए सौ वजहें देनी पड़ती हैं.
ऐसा करने के बाद कई बार ये एहसास होता है कि कुछ खो गया. अंत में मैं गंभीरता के साथ ये बताना चाहूंगी कि मैं वाकई किसी को डेट कर ही हूं. हालांकि इस ऐप के माध्यम से नहीं लेकिन मेरी कई ऐसी सहेलियां हैं जिन्होंने अपने टिंडर ब्वाॅयफ्रेंड्स से शादी की है. मैंने भी यहां कई लाजवाब दोस्त बनाए हैं जिन्होंने कई बार अपने भाइयों से मेरी जोड़ी सेट करने की कोशिश की.
तो अगली बार ध्यान रखिएगा कि आपके एक स्वैप से आपको लेकर राय बनाई जा सकती है, वैसे आपको ये तो पता है न कि स्वैप किस उंगली से करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)