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आपको कोई जरूरी बैंक पेमेंट करनी है लेकिन OTP नहीं आया? कोरोना वैक्सीन के लिए CoWin पर खुद को रजिस्टर कराना है लेकिन OTP रिसीव नहीं हुआ? टिकट या किसी दूसरी सर्विस के लिए भी आपको इसी परेशानी से गुजरना पड़े, तो सवाल तो किया जाएगा कि कैसा डिजिटल इंडिया?
OTP को लेकर इतने सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि हाल ही में TRAI के नियम लागू करने के कारण लाखों कस्टमर्स को इस परेशानी से गुजरना पड़ा. टेलीकॉम कंपनियों ने 8 मार्च को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के निर्देश के मुताबिक, एसएमएस को लेकर TRAI के नियम का दूसरा फेज लागू किया. इसका असर फोन में आने वाले OTP (वन टाइम पासवर्ड) पर भी पड़ा. बैंक ट्रांसफर से लेकर ई-कॉमर्स पेमेंट के लिए OTP नहीं मिलने से कस्टमर्स को परेशानी झेलनी पड़ी.
लगभग सभी जरूरी पेमेंट या वेरिफिकेशन सर्विस के लिए OTP की जरूरत होती है. ऐसे में OTP एक्सेस कर पाने की वजह से परेशान कस्टमर्स ने सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जरूरी सेवाओं के लिए इसका निपटारा कर लिया गया है, हालांकि सोशल मीडिया पर यूजर्स ने आज भी OTP को लेकर शिकायत की है.
वहीं, कुछ ने बताया कि कुछ ट्राई के बाद OPT रिसीव हो रहा है.
फरवरी में, दिल्ली हाईकोर्ट ने TRAI को टेलीकॉम कॉमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रीफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR) लागू करने का निर्देश दिया था. ये रेगुलेशन अनसॉलिसिटिड कॉमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) या स्पैम कॉल और मैसेज की समस्या को रोकने के लिए डिजाइन किया गया था.
लोगों को फेक SMS हेडर्स स्कैम से बचाने के लिए इन गाइडलाइंस को लाया गया है.
TRAI की लेटेस्ट गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी SMS को डिलवीर करने से पहले वेरिफाई कराना होगा.
टेलीकॉम कंपनियों ने 8 मार्च को ये नियम लागू किए, जिसके बाद से कस्टमर्स को OTP की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
टेलीकॉम कंपनियों ने इस परेशानी के लिए डिस्ट्रीब्यूटिज लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) को जिम्मेदार ठहराया है. द इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में, एक बड़ी टेलीमार्केटिंग कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कंटेंट स्क्रबिंग की वजह से करीब 50% ट्रैफिक ड्रॉप हो रहा है. HDFC और SBI समेत देश के बड़े बैंकों के अधिकारी गुस्से में हैं और TRAI को इससे जल्द निपटने के लिए कह रहे हैं.”
इंडिपेंडेंट इंटरनेट रिसर्चर राजशेखर राजहरिया ने क्विंट से कहा, “SMS मैसेज दो तरह के होते हैं- ट्रांजैक्शनल और प्रोमोशनल. हर मैसेज को अब DLT कंपनियों द्वारा वेरिफाई किया जा रहा है. DLT कंपनियों को पहले प्रोमोशनल SMS के साथ पहले ट्रायल करना चाहिए था. इसके बाद ही उन्हें ये ट्रांजैक्शनल सर्विस पर लागू करना चाहिए था, क्योंकि OTP जैसे मैसेज नहीं आना बड़ी बात है.”
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