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एपल प्रॉडक्ट्स खरीदने वाले देशों के लिहाज से चीन दुनिया में दूसरे नंबर पर है. अमेरिका के बाद आइफोन की सबसे ज्यादा मांग चीन में ही है.
लेकिन चीन की लगातार धीमी होती अर्थव्यवस्था का असर अब एपल पर भी पड़ना शुरू हो गया है. एपल के अनुसार, पिछले 13 साल में पहली बार चीनी बाजार से होने वाली कमाई में कमी आने की संभावना है. वहीं एपल को भारतीय बाजार ज्यादा फायदेमंद साबित होता दिख रहा है.
एपल के वित्तीय प्रमुख लूसा मैस्ट्री के अनुसार, पिछले साल की आखिरी तिमाही में भारत में आइफोन की बिक्री में 76 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई.
एपल सीईओ टिम कुक ने भी आने वाले दिनों में भारतीय बाजार में एपल को बढ़त मिलने की बात कही है.
मार्केट रिसर्च एनालिस्ट नील शाह की मानें, तो भारतीय बाजार एपल के लिए चीनी बाजार में गिरती बिक्री को पूरा नहीं कर सकता. वे कहते हैं कि भारत में बिकने वाले 70 प्रतिशत से ज्यादा स्मार्टफोन लगभग 15000 रुपए से कम में आते हैं. एपल के लेटेस्ट फोन 50000 रुपए से ज्यादा में उपलब्ध होते हैं. ऐसे में भारतीय बाजार का एक बहुत ही छोटा-सा हिस्सा एपल के फोन खरीदता है.
लेकिन शाह कहते हैं कि भारत के शहरों में 4G सर्विस उपलब्ध होने पर ऐसा संभव है कि लोग स्मार्टफोन पर ज्यादा खर्च करना शुरू कर दें.
फिलहाल, भारत में एपल अपने प्रॉडक्ट्स को थर्ड पार्टी रिसेलर्स के द्वारा बेचती है. लेकिन अब एपल ने भारत के औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग में भारत में अपने स्टोर खोलने की अर्जी दी है.
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