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भारत सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक नए हलफनामा दायर कर मेसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp पर एंटी-यूजर गतिविधियां करने का आरोप लगाया है. केंद्र ने हलफनामे में कहा कि WhatsApp अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के लिए 'चालाकी से सहमति' ले रहा है.
केंद्र ने कहा कि WhatsApp भारत में अपने यूजर्स को पुश नोटिफिकेशन भेज रहा है और अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी मंजूर करने के लिए मजबूर कर रहा है. सरकार ने कोर्ट ने मांग की है कि मेसेजिंग प्लेटफॉर्म को ऐसा करने से रोका जाए.
केंद्र ने WhatsApp पर आरोप लगाया कि वो पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (PDP) बिल के कानून बनने से पहले अपने पूरे यूजरबेस से नई प्राइवेसी पॉलिसी मंजूर कराना चाहता है.
केंद्र के हलफनामे में कहा गया, "गेम प्लान बहुत साफ है. PDP बिल के कानून बनने से पहले मौजूदा यूजरबेस को 2021 प्राइवेसी पॉलिसी पर ट्रांसफर कर दे."
मई की शुरुआत में WhatsApp ने दिल्ली हाई कोर्ट में नए आईटी नियमों के खिलाफ याचिका दायर की थी. सरकार और मेसेजिंग प्लेटफॉर्म के बीच इन नियमों को लेकर तनाव चल रहा है. WhatsApp की दलील है कि नियमों से 'प्राइवेसी प्रोटेक्शन खत्म हो जाएगी.'
WhatsApp ने कहा है कि नए आईटी नियम उसके 'एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन' के खिलाफ जाएंगे. सरकार ने सबसे पहले मेसेज भेजने वाले को ट्रैक करने का प्रावधान बनाया है. इसके लिए कंपनी को अपने सर्वर पर मौजूद मेसेज को पढ़ना पड़ेगा.
केंद्र ने मेसेज के ओरिजिन का पता लगाने के लिए WhatsApp मेसेज को अल्फान्यूमेरिक हैश देने का प्रस्ताव रखा था.
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