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अगर आप एपल के मैकबुक प्रो 15 इंच के साथ फ्लाइट में सफर करने की तैयारी में हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारत में एपल के मैकबुक प्रो 15 इंच के साथ सफर करने पर पाबंदी लगा दी है. डीजीसीए ने 26 अगस्त को ट्वीट करके इस नोटिफिकेशन के बारे में जानकारी दी.
डीजीसीए ने कहा- भारत में फ्लाइट से यात्रा करते समय अपने मैकबुक प्रो 15 इंच को हैंड बैग या चेक-इन सामान के साथ न रखें. जब तक कंपनी की ओर से लैपटॉप की बैट्री बदल नहीं दी जाए.
बता दें, मैकबुक की बैट्री में आग लगने के खतरे को देखते हुए डीजीसीए ने फ्लाइट में मैकबुक ले जाने पर रोक लगाई है.
डीजीसीए का ये आदेश उन लैपटॉप पर लागू होगा, जिन्हें सितंबर 2015 से फरवरी 2017 के बीच खरीदा गया है. हाल ही में एपल ने पुरानी जेनरेशन के 15 इंच मैकबुक प्रो मॉडल्स को मार्केट से वापस लेने का एलान किया था. इन लैपटॉप्स को उनके प्रोडक्ट सीरियल नंबर से पहचाना जा सकता है.
डीजीसीए ने इस साल की शुरुआत में एपल के बनाए गए मैकबुक प्रो लैपटॉप को रिकॉल की मंजूरी थी, लेकिन तब यह साफ नहीं था कि ये मुद्दा भारत में मैकबुक यूजर्स को सीधे प्रभावित करेगा या नहीं.
क्या आपका मैकबुक प्रो की बैट्री फ्लाइट में सेफ है? क्या आपको इसकी बैट्री बदलने की जरूरत है? यहां एपल की साइट पर जाकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके लैपटॉप की बैट्री सेफ है या नहीं. आपको सिर्फ यहां लैपटॉप का सीरियल नंबर लिखना है. अगर बैट्री सुरक्षित नहीं है, तो कंपनी से इसे बदलने के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
सबसे पहले अपने एपल के लैपटॉप की स्क्रीन पर ऊपर बाएं ओर एपल मेनू पर क्लिक करें. वहां About The Mac पर क्लिक करें.
इसके बाद आपके लैपटॉप की स्क्रीन कुछ इस तरह दिखाएगा..
अब ये देखना होगा कि भारत में कंपनी की ओर से बेचे गए लैपटॉप के पूरे डेटाबेस को हासिल किए बिना, एयरलाइन अधिकारी मैकबुक प्रो का वेरिफिकेशन कैसे करेंगे. अगर आप मैकबुक प्रो ले रहे हैं तो एयरपोर्ट पर कुछ मुश्किल सवालों के जवाब के लिए तैयार रहे.
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