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पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 8 मार्च को इंडिया एआई मिशन (IndiaAI Mission) के लिए 10,371.92 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा.
बता दें कि एआई संबंधित स्टार्टअप्स को इससे मदद मिलेगी. साथ ही, देश में नए एआई टूल्स को बढ़ावा मिलेगा.
नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर ट्वीट करते हुए इस दिन को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया. पीएम मोदी ने आगे लिखा, "इंडिया एआई मिशन के लिए कैबिनेट की मंजूरी AI स्टार्टअप को सशक्त बनाएगी और कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच का विस्तार करेगी. साथ ही यह AI इनोवेशन में ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में हमारी यात्रा में एक बड़ी छलांग होगी."
वहीं आईटी मंत्रालय ने कहा कि इस मिशन को डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) के तहत 'इंडियाए आई' इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD) द्वारा इम्प्लीमेंट किया जाएगा.
इंडियाए आई मिशन पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने टेक्लोलॉजी का लोकतंत्रीकरण किया है. एआई मिशन के साथ, वह इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स, छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों को कंप्यूट पावर उपलब्ध कराएंगे.
सेफ और विश्वसनीय AI स्तंभ 'जिम्मेदार AI' परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सक्षम करेगा, इसमें स्वदेशी उपकरण और ढांचे का विकास, इनोवेटर्स के लिए स्व-मूल्यांकन चेकलिस्ट और अन्य दिशानिर्देश और शासन ढांचे शामिल हैं.
'फ्यूचरस्किल्स' पहल की अवधारणा AI प्रोग्रामों में प्रवेश की बाधाओं को कम करने के लिए की गई है और यह ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट स्तर और पीएचडी प्रोग्रामों में AI कोर्सेज को बढ़ाएगी.
मंत्रालय ने कहा कि बुनियादी स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए देश भर के टियर 2 और 3 शहरों में डेटा और AI लैब स्थापित किए जाएंगे.
इंडियाएआई कंप्यूट स्तंभ भारत के तेजी से बढ़ते AI स्टार्टअप और रिसर्च इकोसिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए एक उच्च-स्तरीय स्केलेबल एआई कंप्यूटिंग इकोसिस्टम का निर्माण करेगा.
इस इकोसिस्टम में पब्लिक और निजी भागीदारी के माध्यम से निर्मित 10,000 या अधिक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) का AI कंप्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल होगा.
AI मार्केटप्लेस को AI इनोवेटर्स को एक सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में AI की पेशकश करने के लिए डिजाइन किया जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, यह एआई इनोवेशन के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करेगा.
इसका अगला तत्व इंडियाएआई इनोवेशन सेंटर है, जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वदेशी बड़े मल्टीमॉडल मॉडल (LMM) और डोमेन-विशिष्ट मूलभूत मॉडल के विकास और तैनाती का कार्य करेगा.
मिशन का एक अन्य प्रमुख पहलू इंडियाएआई डेटासेट प्लेटफॉर्म है, जो एआई इनोवेशन के लिए गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को सुव्यवस्थित करेगा. भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं को गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक निर्बाध पहुंच के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए एक एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा.
इसके साथ ही इंडियाएआई एप्लीकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों और अन्य संस्थानों से प्राप्त समस्या विवरणों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई प्रयोगों को बढ़ावा देगा.
मंत्रालय ने कहा, "यह पहल बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने की क्षमता वाले प्रभावशाली एआई समाधानों को विकसित करने, बढ़ाने और अपनाने को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी."
सरकार ने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि 'इंडियाएआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग' स्तंभ की परिकल्पना डीप-टेक एआई स्टार्टअप को समर्थन व गति देने और उन्हें भविष्य की AI परियोजनाओं को सक्षम करने के लिए फंडिंग तक सुव्यवस्थित पहुंच प्रदान करने के लिए की गई है.
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