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चीन से तनाव के बीच टेलीकॉम इक्युपमेंट वेंडर्स पर लगाम लगाएगी सरकार

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेली कम्युनिकेशन सेक्टर बनाया है

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टेक्नोलॉजी
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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेली कम्युनिकेशन सेक्टर बनाया है
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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेली कम्युनिकेशन सेक्टर बनाया है
(प्रतीकात्क फोटोः IANS)

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भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से तनाव जारी है. अब भारत सरकार भी खुलकर चीन के खिलाफ बोल रही है और एक्शन लिए जा रहे हैं. अब सरकार टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े कई वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी कर रही है.

ट्रस्टेड सोर्स वेंडर्स की लिस्ट

सरकार के इस कदम के बाद अब टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की एक लिस्ट होगी, जहां से कंपनियां सुरक्षित रूप से प्रोडक्ट और सेवाओं को खरीद सकती हैं. यानी इस कदम के बाद चीनी इक्युपमेंट्स पर पूरी तरह से बैन लग सकता है. जिनसे नेशनल सिक्योरिटी को खतरा पैदा हो सकता है. हालांकि सरकार ने फिलहाल ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है कि इससे सीधे चीनी वेंडर्स से खरीद पर असर पड़ेगा.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि,

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेली कम्युनिकेशन सेक्टर बनाया है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण कदम है. ये फैसला टेलीकॉम इक्युपमेंट्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए लिया गया है. ये साफ है कि कौन से ट्रस्टेड सोर्स हैं और कौन से नहीं.
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मार्च में स्पेक्ट्रम का ऑक्शन

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि, कैबिनेट ने स्प्रैक्ट्रम का ऑक्शन करने का फैसला किया है. ये कुल 2251 मेगाहर्ट्स में होंगे. जिन्हें ऑक्शन में रखा जाएगा. इसमें 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300 और 2500 मेगाहर्ट्स बैंड्स का ऑक्शन किया जाएगा. मार्च में इस ऑक्शन को कार्यरूप दिया जाएगा. इसकी कंडीशन वही होंगी जो 2016 में थीं.

बता दें कि चीन से तनाव के बाद भारत ने कई ऐसे फैसले लिए थे, जिनका सीधा असर चीनी कंपनियों पर पड़ा था. सबसे पहले भारत ने कई चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था, कहा गया कि ये नेशनल सिक्योरिटी के लिए एक खतरा साबित हो सकते हैं. इसके बाद चीन से लगातार बातचीत के बावजूद तनाव कम नहीं हो रहा है. खबर है कि चीन लगातार सीमा पर निर्माण कर रहा है, जिसके बाद भारतीय सेनाओं ने भी तैयारी कर ली है.

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