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सिर्फ एक घंटा इंटरनेट बैन से देश को कितना होता है नुकसान?

लगातार दो साल से भारत में इंटरनेट पर लग रही सबसे ज्यादा पाबंदी

विकास तिवारी
टेक्नोलॉजी
Updated:
क्यों सरकार को इंटरनेट बंद करने से बचना चाहिए, जानें कितना होता है घाटा
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क्यों सरकार को इंटरनेट बंद करने से बचना चाहिए, जानें कितना होता है घाटा
(फोटो: iStock)

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साल 2019 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट भारत में बंद किया गया. देश में इंटरनेट पाबंदी पर नजर रखने वाले इंटरनेट शटडाउन ट्रैकर के मुताबिक 2019 में भारत ने 95 बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई. इंटरनेट बंद होने से लोगों की जिंदगी तो थमती ही है, इकनॉमी पर भी इसका बेहद बुरा असर पड़ता है. आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि सिर्फ एक घंटा इंटरनेट बंद होने से कितने करोड़ का नुकसान होता है.

इंडिया टुडे ने गूगल स्टेस्टिक्स के हवाले से बताया कि 2018 में पूरी दुनिया में जितनी बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई, उसमें भारत की हिस्सेदारी 67 फीसदी थी. कश्मीर में अब भी कई जगहों पर इंटरनेट पर पाबंदी है.

वर्ल्ड इकनॉमी का बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर निर्भर

ऑनलाइन ट्रेडिंग, कारोबार का पसंदीदा माध्यम बनता जा रहा है. स्टाटिस्टा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में दुनिया भर में लगभग 25 से 26 % लोगों ने सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा लिया. अनुमान है कि 2040 तक पूरी शॉपिंग में ऑनलाइन शॉपिंग की हिस्सेदारी बढ़ कर 95 फीसदी हो जाएगी.

2014-19 में दुनिया भर में हुए ऑनलाइन शॉपिंग के आंकड़े(ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी/विकास तिवारी)

विश्व का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स मार्केट चीन का है. 2022 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स मार्केट बन सकता है. ऐसे में अगर एक घंटे के लिए नेट बंद कर दिया जाता है तो दुनिया को हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है.

स्टाटिस्टा के मुताबिक एक घंटा इंटरनेट बंद करने से होने वाला नुकसान(ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी/विकास तिवारी)

भारत में लोग इंटरनेट पर कितने निर्भर?

ई-रिटेल से भारत 2020 तक 6350 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू कमा सकता है. वेबसाइट की संख्या के मामले में भारत दुनिया में 17वें नंबर पर हैं. पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर जापान है. मिनिस्ट्री ऑफ IT के मुताबिक भारत में कुल कुल 5000 सरकारी रजिस्टर्ड वेबसाइट्स हैं.

नेट बंद करने से भारत को 9297 करोड़ रुपये का नुकसान

'बिजनेस टुडे' के एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भारत को इंटरनेट बंद करने से 1.3 बिलियन डॉलर यानी कि 9297 करोड़ रुपये नुकसान हुआ . इस त रह से इंटरनेट शटडाउन के कारण नुकसान उठाने वाला तीसरा बड़ा देश बन गया भारत. पूरी दुनिया की बात करें तो 2015 की तुलना में 2019 में इंटरनेट शटडाउन के कारण दुनिया को 235 प्रतिशत ज्यादा नुकसान हुआ. 2015 में ये नुकसान जहां सिर्फ 17 हजार करोड़ वहीं 2019 आते-आते ये घाटा 57 हजार करोड़ हो गया.

बाजार से लेकर संचार का एक बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर टिका हुआ है. गूगल स्टेस्टिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर सेकेंड Google पर 40 हजार से अधिक सवाल सर्च किए जाते हैं. हर रोज 350 करोड़ और साल में 1 लाख 20 हजार करोड़ बार गूगल पर सवाल पूछे जाते हैं.

कितनी बार इंटरनेट पर लगी पाबंदी

‘इंटरनेट रिसर्च फर्म टॉप 10 VPN’ की रिपोर्ट 'द ग्लोबल कॉस्ट ऑफ इंटरनेट शटडाउन इन 2019' में ये कहा गया है, 45 करोड़ इंटरनेट यूजर्स वाले देश भारत में किसी भी दूसरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट को बंद किया है. पिछले साल 21 देशों में 18,000 घंटे से अधिक समय के लिए कुल 122 बार इंटरनेट शटडाउन किया गया . 2015 से लेकर अब तक यहां 353 बार इंटरनेट बंद किया जा चुका है.

भारत में सबसे ज्यादा 2018 में इंटरनेट बंद किया गया था(ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी/विकास तिवारी)
बीबीसी के मुताबिक 2018 में दुनिया भर में इंटरनेट शटडाउन का आंकड़े (ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी/विकास तिवारी)

इंटरनेट शटडाउन का एक पहलू आर्थिक है, लेकिन इसे मानवाधिकार के नजरिए से भी देखा जाना चाहिए. कश्मीर में इंटरनेट बैन के दौरान ये बात सामने आई कि लोग अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे, सरकारी सुविधाओं नहीं ले पा रहे हैं. और अब तो अदालतों ने भी कह दिया है कि इंटरनेट पर बैन दरअसल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

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Published: 19 Feb 2020,05:12 PM IST

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