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साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार, 8 अप्रैल को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण, पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) होगा, जो विश्व के कई देशों जैसे कि नॉर्थ अमेरिका मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में दिखेगा. इस प्रकार का सूर्य ग्रहण किसी भी स्थान विशेष के लिए एक दुर्लभ (अद्भुत) घटना है. रॉयल म्यूजियम ग्रीनविच के अनुसार, इस प्रकार का पूर्ण सूर्य ग्रहण 400 वर्षों में एक बार होता है. यानि कि जिस जगह एक बार यह घटना हो जाती है तो उसके बाद वहां यह कई सौ सालों बाद होगी.
सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं, जिनमें पूर्ण सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और हाइब्रिड सूर्य ग्रहण शामिल हैं.
जब चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह से ढंक देता है या फिर कह सकते हैं कि जब पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं.
वलयाकार/ एन्यूलर सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य के सामने से गुजरता है लेकिन पृथ्वी से सबसे दूर बिंदु पर या उसके निकट होता है. इस समय चंद्रमा सूर्य को इस तरह से ढक लेता है कि केवल सूर्य की परिधि ही दिखाई देती है.
आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य के केवल एक हिस्से को ढंक देता है, जिससे सूर्य को अर्धचंद्राकार आकार मिल जाता है.
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को सबसे अद्भूत प्रकार का सूर्य ग्रहण माना जाता है. यह तब देखा जाता है जब चंद्रमा की छाया विश्व में घूमने के दौरान एक वलयाकार और पूरे गोले के बीच में शिफ्ट होती रहती है. इस दौरान दुनिया के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखता है तो कुछ हिस्सों में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखता है.
साल में दो से पांच बार सूर्य ग्रहण लग सकते हैं. वहीं यदि पूर्ण ग्रहण की बात करें तो यह लगभग हर 18 महीने में एक बार होता है. वहीं धरती पर एक खास जगह पर 400 सालों में केवल एक ही बार पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है.
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