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दुनिया को हैकरों और आंकड़ों के उल्लंघन से बचाने के लिए World Economic Forum ने बुधवार को साइबर सिक्योरिटी के लिए एक नए ग्लोबल सेंटर की घोषणा की. इस सेंटर का हेडक्वॉर्टर जेनेवा में होगा और ये मार्च से काम करने लगेगा. पिछले साल दुनिया के कई देशों के लाखों कम्प्यूटर को एक साथ हैकिंग का खतरा झेलना पड़ा था. ऐसे में इस पहल के बाद डेटा को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकेगा.
यहां एक पैनल चर्चा के दौरान डब्ल्यूईएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर एलोइस ज्विंगी ने कहा, "साइबर सुरक्षा हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत है. हमें साइबर अपराधियों को हराने के लिए एक मंच की सख्त जरूरत है. यह केंद्र इस उद्देश्य को हासिल करने में सभी हितधारकों को एक साथ लाने में मदद करेगा."
ज्विंगी ने कहा, "हमें सरकारों और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने की जरूरत है. इसे शुरू करने के लिए हम उद्योग के प्रमुख लोगों के पास पहुंचेंगे और जी-20 देशों के लिए इसे संवाद का सफल मंच बनाएंगे और साइबर खतरों पर सही समय में कार्रवाई होगी."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डावोस में दिए गए अपने भाषण में डेटा के अहमियत पर जोर दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि डेटा से सबसे बड़े अवसर बन रहे हैं और सबसे बड़ी चुनौतियां भी इसी से है. उन्होंने कहा कि डेटा को जो काबू में करेगा वही भविष्य पर अपना वर्चस्व बनाएगा. मोदी ने कहा था कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी और गंभीर होती जा रही है.
बता दें कि स्विट्जरलैंड के डावोस में 23-26 जनवरी तक वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम समिट चल रहा है. दुनियाभर के करीब 3000 कॉरपोरेट अधिकारी, राजनेता, सेलिब्रिटी इस समारोह में हिस्सा ले रहे हैं. समिट के पहले दिन यानी 23 जनवरी को उद्गाटन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया था. वहीं बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान को डावोस में 24वें क्रिस्टल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
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