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कैमरा- शिव कुमार मौर्या
वीडियो एडिटर- आशुतोष भारद्वाज
रिपब्लिक टीवी चैनल ग्रुप (Republic TV Channel Group) के मालिक और एंकर अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता (Partho Dasgupta) की कथित WhatsApp चैट्स लीक (WhatsApp Chat Leak) हुए हैं. जिसमें TRP रेटिंग में छेड़छाड़ से लेकर बालाकोट स्ट्राइक से पहले ही उसकी जानकारी की बात सामने आई है. चीखने वाले एंकर के कथित वॉट्सएप चैट चीख-चीखकर बहुत कुछ कह रहे हैं. इसलिए पत्रकारिता में नैतिकता भूल जाने वालों से पूछता है भारत, जनाब ऐसे कैसे?
दरअसल, TRP स्कैम मामले में मुंबई पुलिस ने एक चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता का नाम है.
बता दें कि बार्क के जरिए ही टीवी चैनलों की रेटिंग तय होती है. लेकिन अब वही रेटिंग एजेंसी सवालों के घेरे में है. पुलिस ने दावा किया है कि BARC के पूर्व COO रोमिल रामगढ़िया ने अर्णब के रिपब्लिक टीवी के लॉन्च के करीब 40 हफ्तों में उसके राइवल चैनलों की TRP रेटिंग से छेड़छाड़ की थी, जिससे रिपब्लिक की TRP बढ़ जाए. इसी सिलसिले में पार्थो दासगुप्ता गिरफ्तार हुई, उनका फोन जब्त हुआ और ये चैट की मैली चादर खुल गई.
मसलन एक टीआरपी देने के एवज में एक जगह दासगुप्ता ट्राई पर दबाव डलवाने की बात कर रहे हैं. दूसरी जगह भी अर्णब से पूछा जा रहा है कि क्या वो किसी AS से बोलकर ट्राई पर नकेल कसवा सकते हैं?
अगर चैट सही है और चार्जशीट के हिस्से के तौर पर कोर्ट में पेश है तो उसकी कुछ हैसियत भी है तो एकदम साफ है कि पार्थो बाबू अर्णब के चैनल की टीआरपी बढ़वा रहे थे और अर्णब सरकार में अपनी पहुंच के बूते पार्थो के काम करवा रहे थे.
दूसरा मामला तो इससे भी खतरनाक है, क्योंकि देश की सुरक्षा से जुड़ा है, हमारे जवानों की जिंदगी से जुड़ा है. कथित चैट में अर्णब ने दावा किया है उन्हें बालाकोट स्ट्राइक की जानकारी तीन दिन पहले थे. ये कितनी गंभीर बात है इसे ऐसे समझिए.
पीएमओ में प्रभारी मंत्री रह चुके पृथ्वीराज चव्हाण ने क्विंट से एक बातचीत में कहा,
तो ये जानकारी अर्णब को किसने लीक की. क्योंकि इस सूचना की गोपनीयता पर मिशन की कामयाबी डिपेंड करती थी. अगर दुश्मन को कानो-कान खबर मिल जाती तो हमारे वीर जवानों की जान को खतरा पैदा हो सकता था. आखिर इसलिए तो सरकार में भी चुनिंदा लोगों को छोड़कर ऐसी जानकारी किसी से साझा नहीं की जाती.
तो अगर ये चैट सही हैं तो फिर ये राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला है. लेकिन इसका पता तो तब चलेगा जब जांच होगी. विपक्ष ने JPC जांच की मांग की है, अर्णब को गिरफ्तार करने की मांग की है. लेकिन सरकार की तरफ से कोई एक शब्द बोलने को तैयार नहीं. हमारी 'राष्ट्रवादी' सरकार, बात-बात पर UAPA लगाने वाली सरकार, किसान आंदोलन में NIA समन भेजने वाली सरकार अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मामले तो चुप रहती है तो हम तो पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे.
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