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वीडियो एडिटर- संदीप सुमन
कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है. भारत में भी लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बारे में बात कर रहा है. शहरों में तो कोरोना वायरस का खौफ छाया हुआ है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस बीमारी के बारे में क्या पता है? वो इसे लेकर कितना जागरुक हैं?
इससे जानने के लिए क्विंट पहुंचा मध्य प्रदेश के दमोह जिलोंं के अलग-अलग गांव. हमने पता करने की कोशिश की कि वो इस कोरोना वायरस की बीमारी के बारे में कितना जानते हैं. इसके लक्षण और बचाव के बारे में सजग हैं.
दमोह से सटे खैजरी गांव की कुछ महिलाओं से जब हम ने पूछा कि वो कोरोना वायरस नाम की बीमारी के बारे में क्या जानती हैं तो ज्यादातर का जवाब था कि उनको कुछ ज्यादा नहीं पता कि ये कौन सी बीमारी है. लेकिन उनको ये जरूर पता कि है कोई बड़ी बीमारी जरूर आई है. इसी गांव की गणेशी बाई ने बताया कि वो ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है, उनको इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं है. गांव के लोगों ने में इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी है.
इसी गांव के रहने वाले पुरुषोत्तम बताते हैं कि कोरोना वायरस नाम की एक नई बीमारी केे बारे में सुना है. इससे बचने के लिए एक मीटर की दूरी बनाकर रहना है, लोगों के साथ एक साथ नहीं बैठना है. भीड़भाड़ में नहीं जाना है. पास के ही एक एक गांव लक्ष्मण कुटी के जुम्मन खान बताते हैं कि ये बीमारी खतरनाक है जो छूने से फैलती है.
इसके बाद हम दूसरे इलाके के गांव पहुंचे. पायरा नाम के इस गांव में जब हमने प्रवेश किया तो लोग आम दिनों की तरह झुंड में बैठे थे. लेकिन कुछ लोगों ने मुंह पर कपड़ा बांधे रखा था. इस गांव के लोगों ने बताया कि उनको प्रशासन या फिर पंचायत की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है. उनको जो भी जानकारी मिली है वो टीवी से ही मिली है. इस गांव के लोगों ने बताया कि उनके पास मास्क नहीं है. उन्होंने मास्क का तोड़ अपने रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले गमछे से निकाला है.
खैजरी गांव के रहने वाले धर्मेंद्र ने बातों बातों में कह दिया कि कोरोना वायरस की बीमारी मांस खाने से होती है. इसके अलावा भी कोरोना को लेकर गांव के लोगों में कई सारे संक्षय हैं. लोग बाहर से आए लोगों को शक की नजर से देख रहे हैं.
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