Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019JNU के बाद JU:राजनीति के चक्कर में बर्बाद हो रही एक और यूनिवर्सिटी

JNU के बाद JU:राजनीति के चक्कर में बर्बाद हो रही एक और यूनिवर्सिटी

जादवपुर यूनिवर्सिटी में 19 सितंबर को खून, खराबा और आगजनी की घटना हुई.

इशाद्रिता लाहिड़ी
वीडियो
Published:
छात्र,मंत्री,VC,पुलिस: जाधवपुर यूनिवर्सिटी हिंसा में सबने की गलती
i
छात्र,मंत्री,VC,पुलिस: जाधवपुर यूनिवर्सिटी हिंसा में सबने की गलती
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

JNU के बाद एक और यूनिवर्सिटी बदनाम हो रही है. JNU के लिए कहा गया कि वहां देशद्रोही हैं..पश्चिम बंगाल के बीजेपी के चीफ दिलीप घोष कह रहे हैं जादवपुर यूनिवर्सिटी एंटी नेशनलिस्ट और वामपंथियों का अड्डा बन चुकी है और इस अड्डे को खत्म करने के लिए बालाकोट की तरह सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है. लेकिन सवाल ये है कि 19 सितंबर को जादवपुर यूनिवर्सिटी में खून-खराबे के लिए जिम्मेदार कौन है. मंत्री बाबुल सुप्रियो, छात्र या यूनिवर्सिटी और राज्य प्रशासन? उस दिन की घटनाओं पर नजर डालें तो सब साफ हो जाता है.

19 सितंबर को दोपहर करीब 2.45 बजे ABVP के फ्रेशर्स इवेंट के लिए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जादवपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस में आए. BJP में हाल में ही शामिल हुए अग्निमित्रा पॉल भी इस इवेंट में आमंत्रित थे. जब बाबुल जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे तो लेफ्ट से जुड़े कुछ छात्रों का ग्रुप विरोध कर रहा था, उन्होंने सुप्रियो का स्वागत काले झंडे और 'गो बैक' नारे के साथ किया. ये ग्रुप बाबुल के कैंपस में आने से नाखुश था.

इस समय की अगर हम फुटेज देखें तो साफ दिखता है कि सुप्रियो और छात्रों में जमकर धक्का-मुक्की हुई. एक क्लिपिंग में ये भी दिख रहा है कि बाबुल सुप्रियो के बाल खींचे जा रहे हैं.

प्रिय छात्र, हम समझते हैं कि ये एक विरोध था और आपको विरोध-प्रदर्शन करना भी चाहिए. कैंपस पॉलिटिक्स, एक स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है. लेकिन, अगर आप कथित ‘फासिस्ट’ शक्तियों के खिलाफ बोल रहे हैं तो आपको ये भी पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका विरोध कभी भी हिंसा की तरफ ना जाए. क्यों? क्योंकि ये भी एक तरीके का ‘फासिज्म’ है.

अब, अगर छात्रों की बात मानें तो इस दौरान बाबुल ने स्टूडेंट्स के लिए कुछ आपत्तिजनक कमेंट्स किए. कुछ स्टूडेंट्स ये भी आरोप लगा रहे हैं कि सुप्रियो ने महिला छात्रों के लिए अश्लील बातें बोली.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

लेकिन सबसे ज्यादा छात्र तब भड़क गए जब सुप्रियो ने जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, सुरंजन दास के साथ बदसलूकी की. वीसी मंत्री को इवेंट वेन्यू तक छोड़ने के लिए खुद बाहर आए थे. फुटेज में साफ दिख रहा है कि बाबुल ने तब उन्हें कहा-

“मैं देश का इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव और एक मिनिस्टर हूं. आप कर क्या रहे हैं? आपको मुझे रिसीव करने आना चाहिए था.”

इस बात पर वीसी साहब ने बोला कि उनको ABVP के इवेंट के लिए इनवाइट नहीं किया गया था. ऐसे में सुप्रियो जी को रिसीव करना उनका काम नहीं था. बाबुल ने उनको फिर 'लेफ्टिस्ट' बुलाया और ये भी कहा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में अराजकता उन्हीं की वजह से है. उन्होंने फिर वीसी को पुलिस बुलाने के लिए कहा. इसपर वीसी ने कहा कि वो इस्तीफा दे देंगे लेकिन कैंपस में पुलिस नहीं बुलाएंगे.

अब ये बात समझ नहीं आई कि जिन सुरंजन दास को ममता सरकार ने यूनिवर्सिटी का वीसी बनाया है, वो लेफ्टिस्ट कैसे हो गए. ये भी बात समझ से परे है कि किसी मंत्री को वीसी रिसीव करने जाए, ये क्या कोई नियम है...खासकर तब जब न्यौता यूनिवर्सिटी की तरफ से नहीं गया हो.

दूसरा शिकवा मिस्टर दास से है. सर, किसी भी एजुकेशनल इन्स्टिट्यूट में पुलिस बुलाना बहुत ही निंदनीय चीज है, वो हम मानते हैं लेकिन जब आपको दिख रहा है कि यूनिवर्सिटी में चीजें हाथ के बाहर जा रही है, तो बैकअप के लिए पुलिस बुलाने में हिचकिचाहट क्यों?

खासकर, जब तृणमूल का कहना है-

“राज्य पुलिस यूनिवर्सिटी के बाहर इंतजार कर रही थी लेकिन अंदर नहीं जा पाई क्योंकि वीसी से कोई कम्युनिकेशन नहीं आया”

इसका मतलब पुलिस लॉ एंड ऑर्डर संभालने के लिए तैयार थी लेकिन उनको एडवांस में हालत संभालने नहीं दिया गया. इसके बाद बाबुल ने इवेंट की जगह तक पहुंचने की कई कोशिशें की और आखिर में वो 4.30 बजे वहां पहुंच गए.

जब वो करीब 5.10 बजे निकले तो बाहर स्टूडेंट्स की तादाद बढ़ गई थी. स्टूडेंट्स मांग कर रहे थे कि सुप्रियो वीसी और स्टूडेंट्स के साथ अपने बर्ताव के लिए माफी मांगें. फिर से, अगर स्टूडेंट्स की बात मानें तो बाबुल ने वहां से निकलने की कोशिश की लेकिन उनको स्टूडेंट्स ने फिर से घेर लिया और उनके आस-पास गाना गाने लगे.

इस समय के फुटेज में हम देख सकते हैं सुप्रियो को स्टूडेंट्स की तरफ नाराजगी दिखाते हुए और कुछ-कुछ स्टूडेंट्स को फिजिकली असॉल्ट भी करते हुए. ये भी आरोप है कि बाबुल के बॉडीगार्ड्स ने भी कुछ स्टूडेंट्स पर हमला किया.

मिस्टर सुप्रियो, आपको फिर से याद दिलाएं कि आप एक यूनियन मिनिस्टर हैं. स्टूडेंट्स जो भी करें, आपसे इससे बेहतर की उम्मीद की जाती है. क्या ये बर्ताव इसलिए था क्योंकि जैसा स्टूडेंट्स कह रहे हैं, इस समय आस-पास ज्यादा कैमरे नहीं थे?

आखिरकार, करीब 6.40 बजे पश्चिम बंगाल के गवर्नर जो जादवपुर यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं, वहां बाबुल को 'निकालने' के लिए पहुंचे. सूत्रों से हमें पता चला है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचने के पहले गवर्नर साहब की 3 बार ममता बनर्जी से बात हुई जो तब दिल्ली में थीं.

उन्होंने गवर्नर साहब को कई बार यूनिवर्सिटी ना जाने के लिए कहा, लेकिन गवर्नर ने उनकी बात नहीं मानी.

गवर्नर साहब, आपकी सिक्योरिटी स्टेट गवर्नमेंट की जिम्मेदारी है, अगर आपको कुछ भी हो जाता तो उसका इल्जाम कौन अपने सिर पर लेता? पुलिस को अपना काम करने दीजिए, लोगों को ‘बचाना’ आपका काम नहीं है.

करीब 2 घंटे धक्का-मुक्की हुई. 8.10 बजे गवर्नर सुप्रियो को लेकर यूनिवर्सिटी से निकले. इन सब के बीच ABVP कैंपस के बंद दरवाजों के बाहर पहुंच गई. फिर उन्होंने गेट को, पोस्टर को और कई सारी चीजों को आग लगा दिया. कैंपस के यूनियन रूम और दूसरी चीजों के साथ तोड़फोड़ की.

जो हिंसा हो रही थी, उसको ABVP एक लेवल ऊपर ले गई. सवाल है- क्यों?

हम समझते हैं कि आपके मिनिस्टर को परेशान किया गया लेकिन आपका पॉलिटिकल जुड़ाव कुछ भी हो, एक एजुकेशनल इन्स्टिट्यूशन में तोड़फोड़ करने को आप कैसे जायज ठहराते हैं?

आखिर में राज्य सरकार की बात करते हैं.

ये सब कब तक चलेगा? आपके एजुकेशन मिनिस्टर, स्टेट सेक्रेटरी और पुलिस तीनों को तभी से जागरूक होकर हालत पर नजर रखनी चाहिए थी, जब से ये सब तमाशा शुरू हुआ. बाबुल सुप्रियो केंद्रीय मंत्री हैं, वो आपके राज्य में थे और उनकी सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT