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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार को पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में हिरासत में ले लिया. बाद में, तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने उन्हें इलाज के लिए मेरठ भेज दिया.
चंद्रशेखर की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया. देवबंद में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष दीपक बौद्ध ने कहा, '' अगर भैया को कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार होगी."
जिलाधिकारी ए.के पांडेय ने बताया कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर दोपहर में सैकड़ों समर्थकों के साथ देवबंद क्षेत्र में जुलूस निकाल रहे थे. उन्होंने बताया कि आचार संहिता लगने के बाद भी वह बिना अनुमति के यह कार्यक्रम कर रहे थे. प्रशासन ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर उपचार के लिए मेरठ के अस्पताल में भेजा दिया है.
भीम आर्मी के समर्थक सोमवार को सहारनपुर से मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हुए थे. बताया जा रहा है कि भीम आर्मी की रैली को 15 मार्च तक दिल्ली पहुंचना था. भीम आर्मी के समर्थक हाथों में संगठन के नीले झंडे और तिरंगे लेकर जुलूस निकालते हुए जा रहे थे, जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें रोका. पुलिस ने जोर देकर कहा कि जुलूस आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा था, जबकि भीम आर्मी के सदस्यों ने बार-बार कहा कि उन्होंने प्रशासन से इसकी अनुमति मांगी थी.
भीम आर्मी के सहारनपुर जिला प्रमुख कमल वालिया ने बताया, "हम लोग 15 मार्च को दिल्ली में होनेवाले कांशीराम जयंती समारोह में चलने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे थे. प्रशासन ने हमें इसकी अनुमति नहीं दी. शांतिपूर्ण तरीके से अपना कार्यक्रम कर रहे थे. पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया."
बता दें, चंद्रशेखर ने अभी हाल में ऐलान किया था कि उनका संगठन लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का समर्थन करेगा.
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