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कृषि कानूनों पर बोले भूपेश बघेल- ‘छत्तीसगढ़ से सीखे केंद्र’

असम चुनाव, राहुल गांधी और कृषि कानूनों पर भूपेश बघेल से खास बातचीत

प्रज्ञा तिवारी
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने असम में प्रचार और संगठन की कमान सौंपी थी. 2 मई को चुनाव के नतीजे आने हैं. इसी दौरान क्विंट ने बघेल से खास बातचीत की. उन्होंने चुनावों के साथ-साथ राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने, केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों और छत्तीसगढ़ राज्य के सामने चुनौतियों समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.

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असम में कांग्रेस के पास कितना मौका?

असम में कांग्रेस जमीनी स्तर पर बहुत मजबूत है. वहां के कार्यकर्ताओं ने भी जी तोड़ मेहनत की है. असम में कांग्रेस चुनाव जीतने की स्थिति में है. जिस तरह से सूचनाएं मिल रहीं हैं, उसके मुताबिक कांग्रेस और महागठबंधन की सरकार बन रही है.

क्या राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करते दिखेंगे भूपेश बघेल?

हम लोग पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं. जो जिम्मेदारी दी जाती है उसका हम लोग निर्वहन करते हैं. असम की जिम्मेदारी मुझे दी गई और हमने काम को अंजाम दिया. हमें छत्तीसगढ़ में अपने पुरखों के सपनों को पूरा करना है. मैं छत्तीसगढ़ तक ही सीमित रहना चाहता हूं. राहुल गांधी को जल्द से जल्द राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू करना चाहिए. पूरे देश के कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी इस पद को संभालें.

केंद्र के 3 कृषि कानूनों पर क्या कहते हैं बघेल?

केंद्र सरकार एकतरफा 3 कृषि कानून लेकर आई, जिसे देश का किसान स्वीकार नहीं कर रहा है. इससे मंडी प्रभावित होगी. उनका कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर खेती होगी. भारत सरकार चाहे तो छत्तीसगढ़ का मॉडल अपना सकती है. छत्तीसगढ़ में 23,00 सोसायटी के जरिए समर्थन मूल्य पर किसानों के उत्पाद को खरीदा जाता है. समर्थन मूल्य के अतिरिक्त हम दस हजार रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि दे रहे हैं. जिस पर भारत सरकार रोक लगा रही है. किसानों को उत्पादन करने की सजा नहीं मिलनी चाहिए. किसान 135 करोड़ लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं.

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