Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना के बीच बिहार चुनाव कराना सही या गलत?एस वाई कुरैशी Exclusive

कोरोना के बीच बिहार चुनाव कराना सही या गलत?एस वाई कुरैशी Exclusive

अगर विधानसभा चुनाव समय पर नहीं होता है तो राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ता है.

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Updated:
बिहार चुनाव में डिजिटल प्रचार
i
बिहार चुनाव में डिजिटल प्रचार
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

बिहार में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसे में माना जा रहा था कि आने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख बढ़ सकती है, लेकिन चुनाव आयोग ने सभी कयासों पर फुल स्टॉप लगा दिया. चुनाव आयोग ने सही वक्त पर विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं. अब सवाल है कि कोरोना के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कैसे और कैसा होगा? चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर हेट पोस्ट कितनी बड़ी चुनौती है? ऐसे ही सवालों को समझने के लिए क्विंट ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी से बात की.

कुरैशी कहते हैं,

“जब राशन का सामान लेने निकल सकते हैं, तो वोट भी दे सकते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, पीपीई किट, EVM के लिए ग्लव्स-इनके साथ चुनाव होंगे. रैली और चुनाव प्रचार में भी सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखा जाएगा. अगर विधानसभा चुनाव समय पर नहीं होता है तो राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ता है. इसलिए बिहार में विधानसभा चुनाव अपने सही समय पर होगा.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बिहार में इंटरनेट, मोबाइल कम तो कैसे होंगे चुनाव?

बिहार में बहुत से लोगों के पास फोन नहीं हैं, इंटरनेट की दिक्कत है. इसलिए डोर-टू-डोर कैंपेन की इजाजत दी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रचार करना होगा. लोगों से मिलने के लिए कैंडिडेट चार लोगों के साथ जाएं, जो पुराने तरीके हैं प्रचार को उन पर रोक नहीं है, बस कुछ गाइडलाइन हैं उसे फॉलो कीजिए.

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज को कैसे करेंगे कंट्रोल?

इस चुनाव को डिजिटल चुनाव नहीं कहेंगे, वोटिंग या काउंटिंग डिजिटल होता तब इसे डिजिटल चुनाव कहते, कैंपेन और प्रचार जरूर डिजिटल होंगे. डिजिटल कैंपेन बड़ी समस्या है, हम देख रहे हैं कि पिछले 10-12 सालों से जब से सोशल मीडिया शुरू हुआ था तब से परेशानी बनी हुई थी. पहले तो सोशल मीडिया कंपनी बात नहीं करती थी, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने कई मीटिंग करके वोटर साक्षरता की बात की. उस वक्त उन्होंने कहा कि हम मानते हैं फेक न्यूज होता है, हेट स्पीच होती है, हम एक्शन लेने को तैयार हैं, लेकिन हमारे पास शिकायत जनता से नहीं बल्कि किसी अधिकारी की तरफ से आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 3 घंटे के अंदर अगर कोई शिकायत आती है तो हम उसे हटा देंगे, ये बहुत अच्छा काम था, लेकिन 3 घंटे सोशल मीडिया के लिए बहुत होते हैं, 3 घंटे में तो आग भड़क सकती है. फेक न्यूज रोकने की मशीनरी को थोड़ा और मजबूत करना होगा. फिलहाल हमारे पास कोई ठोस रास्ते नहीं हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 24 Aug 2020,11:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT