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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
सरकार को किन मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए और किन मुद्दों को बेवजह तूल नहीं देना चाहिए? बिहार की राजधानी पटना में युवा महिला वोटर्स का सरकार से क्या है कहना?
क्विंट की चुनावी चौपाल में लड़कियों ने खुलकर बातचीत की. उन्होंने अपनी समस्याओं और चुनाव से क्या उम्मीद करती हैं, ये बताया.
निधि कहती हैं सुशांत सिंह राजपूत के केस में न्याय होना चाहिए, पर इसपर राजनीति गलत है. इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहिए, ये निजी मामला था. लेकिन बिहार में जाति आधारित राजनीति होती है जिससे यहां के वोट पर इसका असर पड़ सकता है. हालांकि, मेरा मानना है कि इसे एक मुद्दा मानकर वोट नहीं करना चाहिए.
हाथरस रेप मामले पर देशभर में सियासत गरमाई, लेकिन बिहार में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में पीड़िताओं के न्याय के लिए कोई पार्टी बात नहीं कर रही. अगर नेता बात करते भी हैं तो आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के लिए. महिला सुरक्षा पर कोई बात नहीं करता.
ये कहना है शानू कुमारी का.
लैपइंटूरा स्टूडियो की ओनर और आर्टिस्ट अंकिता कहती हैं- “बिहार में आर्ट और आर्टिस्ट को बढ़ावा देने के लिए समाज और सरकार दोनों का साथ चाहिए. बिहार में फाइन आर्ट्स सीखने के लिए अच्छे इंस्टिट्यूट की कमी है. कई टैलेंटेड लोगों को प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता.”
तिज्या का कहना है कि इंडस्ट्री सेटअप पर सरकार का फोकस होना चाहिए ताकि स्टूडेंट को बाहर जाने की जरूरत न हो. इन तमाम बातचीत में रोजगार की मांग और महिला सुरक्षा का मुद्दा हावी रहा.
बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से तीन चरणों में होगा. 28 अक्टूबर के बाद तीन नवंबर और सात नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे की घोषणा 10 नवंबर को होगी.
देखिए चुनावी चौपाल में ये पूरी चर्चा..
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