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उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष (UP BJP president) के नाम की घोषणा हो चुकी है. लखनऊ से दिल्ली तक कई दिनों तक बैठकों के दौर के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष आधिकारिक रूप से चुन लिया है.
चौधरी के पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास तब से लगने शुरू हो गए थे जब वह अपने आजमगढ़ दौरे को बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे थे. 25 अगस्त को चौधरी की दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात हुई, जिसके बाद पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर चौधरी को बीजेपी को उत्तर प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया.
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है.
बता दें इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के 'संगठन सरकार से बड़ा है' के ट्वीट के बाद उनके नाम की चर्चा होने लगी थी. हालांकि उन्हें ये जिम्मेदारी नहीं दी गई.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ कि दोनों सरकारों में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी का संगठन में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है. पार्टी में इनका कद प्रभावशाली जाट नेताओं में है और इनके पार्टी अध्यक्ष बनने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खोई जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा, संगठन और सरकार में उनके अनुभव की वजह से समन्वय स्थापित करने में चौधरी कारगर साबित हो सकते हैं.
चौधरी भूपेंद्र सिंह छात्र जीवन में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और फिर वर्ष 1991 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. इसके दो साल बाद 1993 में वह बीजेपी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए. साल 2006 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने मुरादाबाद का क्षेत्रीय मंत्री बनाया, इसके बाद 2012 में पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया. साल 2016 में चौधरी भूपेंद्र सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने एमएलसी नामित किया. उत्तर प्रदेश में साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद चौधरी भूपेंद्र सिंह को पंचायती राज का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया.
साल 1999 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का टिकट देकर संभल से चुनाव लड़ाया था. इस चुनाव में चौधरी भूपेंद्र सिंह समाजवादी पार्टी के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से हार गए थे.
2022 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चौधरी भूपेंद्र सिंह को दूसरी बार भी एमएलसी नामित किया गया. इस बार भी उत्तर प्रदेश सरकार में उनको पंचायती राज मंत्री बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
2024 के अहम लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को किसी ऐसे चेहरे की तलाश थी जो पूरी जिम्मेदारी के साथ जमीनी स्तर पर खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की नींव मजबूत करने में कोई कोर कसर न छोड़ें.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ कि दोनों सरकारों में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी का संगठन में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है. पार्टी में इनका कद प्रभावशाली जाट नेताओं में है और इनके पार्टी अध्यक्ष बनने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खोई जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है. संगठन और सरकार में उनके अनुभव की वजह से समन्वय स्थापित करने में चौधरी कारगर साबित हो सकते हैं.
इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान संभाल चुके हैं. लेकिन फिलहाल दोनों के पास अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं. चौधरी भूपेंद्र सिंह जाट बिरादरी से आते हैं और पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाटों पर उनकी काफी अच्छी पकड़ है.
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