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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
बिहार अलग है और बिहार में होने जा रहे चुनाव एकदम अलग होंगे. कम से कम 5 ऐसी चीजें हैं जो बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Elections 2020) के नतीजों में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं. जैसे महिलाएं. जैसे प्रवासी मजदूर.
इन पांच में से जो सबसे बड़ा फैक्टर है, वो बिहार की महिला वोटर हैं. बिहार ऐसा राज्य है, जहां महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट करती हैं. 2015 का विधानसभा चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव, महिलाओं ने वोटर टर्नआउट में पुरुषों से 5 फीसदी ज्यादा वोट डाले थे.
इसके लिए कई लोग सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को क्रेडिट देते हैं. उन्होंने पहले दौर में साइकिल की योजना रखी, उसके बाद स्कूली पोषाक और फ्री पढ़ाई पर जोर दिया. लेकिन इन सबसे बड़ी चीज जो नीतीश ने की थी, वो शराबबंदी का फैसला था. इससे मानो महिलाओं और पुरुषों के बीच पोलराइजेशन कर दिया था. इस फैसले के बाद नीतीश कुमार महिलाओं में काफी पॉपुलर हैं.
बिहार में महिला वोटर महत्वपूर्ण होने के पीछे जो एक और बड़ा कारण है, वो पंचायती राज में 50 फीसदी आरक्षण है. इसकी वजह से महिलाएं सिर्फ रबर स्टाम्प नहीं रहीं, बल्कि सार्वजानिक जिंदगी में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी है.
बिहार से बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए जाते हैं. बाकी चुनावों में ये लोग बिहार आकर वोट दें, इसकी संभावना बहुत कम होती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से प्रवासी कामगार बिहार वापस लौटें हैं और इनकी तादाद करीब 30-40 लाख बताई जा रही है.
चुनाव तक कितने लोग बिहार में रहते हैं, ये तय नहीं है लेकिन फिर भी पुरुषों की चुनाव में भागीदारी महिलाओं से कम होने का एक कारण उनका बाहर काम करने जाना रहता है. तो इस बार महिलाओं के ट्रेंड पर इसका असर देखने को मिल सकता है.
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