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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के इस समय में, सभी के मन में कई सवाल हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इसका इलाज कब सामने आएगा? इसका वैक्सीन कब बन कर तैयार होगा और लोगों तक कब तक पहुंचेगा? क्योंकि जब तक ये वैक्सीन नहीं आएगा, तब तक दुनिया नॉर्मल नहीं हो पाएगी. रिपोर्ट्स का कहना है कि इस वैक्सीन को आने में 12 से 18 महीने लग सकते हैं. लेकिन एक काम अभी तुरंत शुरू नहीं किया गया तो बाद में परेशानी हो सकती हैं. और वो ये है कि अभी तुरंत दुनियाभर में वैक्सीन के लिए प्लांट बनाकर तैयार रखने की जरूरत है.
इस बीमारी और वैक्सीन को लेकर कुछ बातें पहले जाननी जरूरी हैं. फ्लू सबसे पहले करीब 100 साल पहले रिपोर्ट किया गया था और आज तक इसकी कोई प्रभावी दवा नहीं बन पाई है. ऐसे में ये गौर करने वाली बात है कि अगर फ्लू का इलाज नहीं मिला है, तो COVID-19, जिसे समझने के लिए पूरी दुनिया में वैज्ञानिक माथापच्ची कर रहे हैं, उसके इलाज का रास्ता आसान नहीं है.
वैज्ञानिकों के सामने अभी कई चुनौतियां भी हैं. कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आ रही हैं कि क्या ये वायरस अपना रूप बदल रहा है? वैज्ञानिकों के सामने सवाल है कि जब तक इसका वैक्सीन बनाया जाएगा, तब तक या तो इसका रूप बदल गया होगा या ये कमजोर हो चुका होगा.
दुनियाभर में अलग-अलग सरकारों, कंपनियों, संगठनों द्वारा इलाज ढूंढने के करीब 70 प्रयोग चल रहे हैं. इस दौड़ में सबसे आगे अमेरिका की Moderna नाम की कंपनी है, जिसका कहना है कि वो इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर चुके हैं.
वैक्सीन बनने के तीन फेज होते हैं:
वैक्सीन जिस भी देश में बने, लेकिन इससे मदद पूरी दुनिया को मिलनी चाहिए. इसलिए, दुनियाभर के वैज्ञानिक संगठन अपनी सरकारों और ग्लोबल लीडर्स से कह रहे हैं कि इस लड़ाई में साथ चलने की जरूरत है. ऐसे में दुनियाभर की सरकारों को अभी से साथ काम करने की जरूरत है, ताकि सभी लोगों को इस वैक्सीन का फायदा मिल सके. ये भी हो सकता है कि अभी से प्लांट रखने में भारी कीमत लगेगी, लेकिन अगर प्लांट नहीं बनाए तो और बड़ी कीमत चुकानी होगी.
वजह ये है कि जैसे ही वैक्सीन बने, जरूरत होगी उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाने की. पूरे सात अरब लोगों तक पहंचाने की. कहीं ऐसा न हो कि वैक्सीन बन गया, लेकिन उसे दुनियाभर में पहुंचने में और वक्त लग गया. ये देरी हुई तो इसकी कीमत चुकानी होगी. आर्थिक और लोगों की जान भी जाती रहेगी.
भारत में करीब 6-7 कंपनियां वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, वैक्सीन बनाने में भारत किस स्टेज पर है, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है.
बिल गेट्स समेत दुनियाभर के बड़े लोग यही कह रहे हैं कि इसके लिए सभी को साथ काम करने की जरूरी है. इस मुश्किल समय में, प्रयोग के साथ-साथ सहयोग की भी जरूरत है.
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