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वीडियो प्रोड्यूसर: कौशिकी कश्यप
वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
कैमरा: सुमित बडोला
अभी तक डिबेट ये चल रही थी कि मंदी है या नहीं लेकिन वो अब पीछे छूट चुका है. 3 सितंबर के दिन को मार्केट का मेल्टडाउन कहा जा सकता है. मंदड़ियों ने बाजार को बुरी तरह से तोड़ा. एफपीआई पर लगे सरचार्ज को वापस लेने के बावजूद फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (FII) ने करीब 2000 करोड़ की सेलिंग की. PSU बैंकों के शेयर बुरी तरह से गिरे. रुपया बुरी तरह से टूटकर 72 रुपये प्रति डॉलर के पार पहुंच गया.
सरकार ने बीते दिनों इकनॉमी को मजबूती देने के लिए कई बड़े फैसले लिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि सरकार 10 सरकारी बैंकों के विलय से 4 नए बैंक बनाएगी. साथ ही केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा एफडीआई लाने की कोशिश कर रही है.
इसके अलावा एक और ऐलान सरकार ने किया. IDBI बैंक को संकट से उबारने के लिए सरकार ने 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा पूंजीगत निवेश की मंजूरी दी है. ये पूंजी सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर देंगे.
सरकार अपने हिस्से का आईडीबीआई बैंक को 4,557 करोड़ रुपये देगी. वहीं एलआईसी 4,700 करोड़ का निवेश करेगी.
लेकिन सरकार के नुस्खे बाजार को क्यों नहीं संभाल पा रहे हैं? GDP ग्रोथ लुढ़ककर 5% पर पहुंच गया. बाजार का सेंटिमेंट खराब है.
दरअसल, अर्थव्यवस्था को अब टुकड़े-टुकड़े में नहीं बल्कि एकमुश्त इलाज की जरूरत है. हिंदुस्तान की इकनॉमी को चलाने के लिए बोल्ड कदम उठाने होंगे.
सरकार को ये मानने से इनकार नहीं करना चाहिए कि आर्थिक हालात अच्छे नहीं है. पूरा देश, पूरी दुनिया आप पर नजर गड़ाए हुए कि आप इकनॉमी को फिर से पटरी पर लाने के लिए क्या मजबूत कदम उठाने जा रहे हैं.
इकनॉमी का कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए सरकार को अपने जेब खोलने की जरूरत है. GST घटाइए, डायरेक्ट टैक्स घटाइए, इंट्रेस्ट रेट घटाइए ताकि लोग लोन लेने के लिए प्रेरित हों. एक्सपर्ट सुझाव दे रहे हैं कि मिनिमम वेज बढ़ाएं.
निवेशकों के लिए ये सलाह है कि अगर आप इक्विटी SIP में हैं तो आप डेट SIP में शिफ्ट हो जाइए. आप फिक्स डिपॉजिट रख लीजिए. अभी शेयर बाजार की गिरावट रुकेगी या आगे क्या होगा किसी को नहीं पता. इकनॉमी को चलाने के लिए FPI, FDI और बैंक मर्जर करने का कोई नतीजा नहीं निकला.
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