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वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है. एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी के मित्र खड़े हैं तो दूसरी तरफ क्रिप्टोकरेंसी के दुश्मन हैं. एक तरफ के लोगों को लगता है कि ये बहुत बड़ा बदलाव है जो बैंकिंग और फाइनेंसियल व्यवस्था को नए ढंग से परिभाषित करेगा. वहीं दूसरी तरफ के लोगों को लगता है कि ये फ़ैशन और स्कैम है.
निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों कहा कि हम क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन नहीं करेंगे, ब्लॉकचेन को इजाजत देंगे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक बिटकॉइन जैसी करेंसी को ग़ैरक़ानूनी करार दिए जाने की बात की गई थी. इसलिए क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में हलचल मची हुई है.
दुनियाभर में लोग कई करेंसीज में निवेश कर रहे हैं. 13 मार्च 2021 को बिटकॉइन की कीमत 60 हजार डॉलर तक चली गई थी.
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह से इंटरनेट के बाद सबसे बड़ी क्रांति है. क्रिप्टोकरेंसी ने दुनियाभर के सरकारों और बैंकों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आप डिजिटल करेंसी लाइये. चीन इसपर एक पायलट प्रोजेक्ट भी चला रहा है. लेकिन डिजिटल करेंसी के लिए फ़िलहाल वित्तीय संस्थान तैयार नहीं हैं.
डिजिटल करेंसी यानी ब्लैक मनी पर नकेल लगाई जा सकती है. लेकिन क्रिप्टो से बिल गेट्स और रघुराज राजन को भी डर लगता है. दोनों का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी का गलत इस्तेमाल हो सकता है. यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि टेक्नोलॉजी गलत नहीं होती, गलत इस्तेमाल होता है. इसे सरकारें बैन नहीं, रेगुलेट करें तो बेहतर होगा.
किप्टो को पहले समझिए फिर इसमें निवेश कीजिए. यहां वॉरेन बफ़ेट की बात याद कीजिए कि जो चीज समझ में नहीं आती उसमें निवेश नहीं करना चाहिए.
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