Home Videos उपचुनाव | कैराना का अर्थमेटिक और केमिस्ट्री दोनों BJP के खिलाफ
उपचुनाव | कैराना का अर्थमेटिक और केमिस्ट्री दोनों BJP के खिलाफ
विपक्षी वोट हुआ एकजुट तो बीजेपी को मिली हार
नीरज गुप्ता
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सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार चुनाव विश्लेषक हैं.
(फोटो : द क्विंट)
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एक बार फिर उपचुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हुए हैं. 28 मई को 4 लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को सिर्फ 1 लोकसभा और 1 विधानसभा पर जीत हासिल हुई है.
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सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार ने क्विंट हिंदी से खास बातचीत में इन नतीजों के मायने समझाए.
‘विपक्षी एकता बीजेपी पर भारी’
संजय कुमार के मुताबिक
कैराना का स्पष्ट संदेश है कि अगर विपक्षी पार्टियां एक हो जाती हैं तो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी होगी. सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई राज्यों में बीजेपी को बिखरे विपक्ष का फायदा मिलता रहा है. बीजेपी को हराने के लिए इस एंटी-बीजेपी वोट को साथ आना होगा.
संजय कुमार, डायरेक्टर, सीएसडीएस
‘जिन्ना नहीं, गन्ना चला’
संजय कुमार के मुताबिक बीजेपी की रणनीति साफ है और विपक्षी पार्टियों के गोलबंद होने पर वो अपना ट्रंप कार्ड खेलती है. वो कार्ड है कि जाति की पहचान से निपटने के लिए धर्म को बीच में लाया जाए.
गोलबंद हुए ओबीसी, दलित, मुस्लिम और जाट समीकरण को तोड़ने के लिए अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए ‘जिन्ना विवाद’ को कैराना तक लाने की कोशिश की गई लेकिन वो दांव नहीं चल सका.
महाराष्ट्र के पालघर में शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़े. वहां बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) भी एक फोर्स थी लेकिन जीत बीजेपी को हासिल हुई. संजय कुमार के मुताबिक
एंटी-बीजेपी वोट शिवसेना और बीवीए में बंट गया और उसी का फायदा बीजेपी को मिला. चौथे नंबर पर रही कांग्रेस अभी महाराष्ट्र में उभर नहीं पाई है और उसे ठोस गठबंधन की जरूरत है.
संजय कुमार, डायरेक्टर, सीएसडीएस
जोकीहाट में चला ‘तस्लीमुद्दीन फैक्टर’
बिहार के जोकीहाट में लालू यादव की पार्टी आजेडी ने जीत हासिल की. लेकिन संजय कुमार के मुताबिक
जोकीहाट की जीत का ज्यादा श्रेय आरएलडी के टिकट पर कई बार सासंद रहे तस्लीमुद्दीन को जाता है. इस बार चुनाव उनके छोटे बेटे ने जीता है जिसकी बड़ी वजह उनके पिता की लोकप्रियता है.