Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जामिया: पुलिस से सबसे पहले जिनका हुआ सामना, उन गार्ड्स की आपबीती?

जामिया: पुलिस से सबसे पहले जिनका हुआ सामना, उन गार्ड्स की आपबीती?

आकांक्षा कुमार
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पुलिस से सबसे पहले जिनका हुआ सामना, उन गार्ड्स की आपबीती?
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पुलिस से सबसे पहले जिनका हुआ सामना, उन गार्ड्स की आपबीती?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

15 दिसंबर को जब दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस घुसी तो उसका सबसे पहला सामना यूनिवर्सिटी के गेट्स पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स से हुआ. चूंकि पुलिस बिना इजाजत यूनिवर्सिटी में घुस रही थी और गार्ड्स को यूनिवर्सिटी प्रशासन से इसकी कोई सूचना नहीं थी, सो उन्होंने पुलिस कर्मियों को रोका. जाहिर है इसके बाद पुलिस से इनकी भा टकराव हुआ. ऐसे में क्विंट ने जामिया के कुछ गार्ड्स से  बात की...

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जामिया में पुलिस एक्शन के कारण कुछ गार्ड्स को भी चोटें आई थीं. एक गार्ड नजीर खान पिछले 19 साल से यूनिवर्सिटी में काम कर रहे हैं. नजीर खान सेना के जवान रह चुके हैं. वो ग्रेनेडियर रेजिमेंट में रह चुके हैं. नजीर खान ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया .

मैंने पुलिस को कहा कि आप अंदर नहीं आ सकते, तो उन्होंने कहा कि ‘बकवास कर रहा है ताला खोल, चाबी दे’ मैंने चाबी नहीं दी. लेकिन फिर पुलिस ने जबरदस्ती अंदर आने के लिए ताला तोड़ दिया, करीब 50-60 पुलिसकर्मी थे उस वक्त, मैं वहीं गेट के साइड में खड़ा था. जैसे ही ताला तोड़ा उन्होंने तो सबसे पहले उन्होंने मुझे पकड़ा और मारा, उसके बाद राइफल के पिछले हिस्से से मारने लगे. मैंने उनसे कहा कि मैं आर्मी में था, हमें भी ड्यूटी दी गई है, तो हम गेट नहीं खोल पाएंगे, आप चाहे कितना भी बोलें, लेकिन उन्होंने फिर भी मारा.
नजीर खान, सिक्यूरिटी गार्ड, जामिया मिल्लिया युनिवेर्सिटी 

एक दूसरे गार्ड दौलत खान भी सेना के जवान रह चुके हैं. वो पुलिस एक्शन में घायल भी हुए. दौलत खान के मुताबिक पुलिस ने छात्रों के साथ बर्बरता की

पुलिस पीछे के गेट से आई थी, उस वक्त भगदड़ भी मची थी, उसमें मई गिर गया था, मुझे चोट भी आई उस वजह से. पुलिस बहुत तेजी से अंदर घुसी थी, बच्चों के पीछे, हमने उन्हें रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वो रुके नहीं. 
दौलत खान, सिक्यूरिटी गार्ड, जामिया मिल्लिया युनिवेर्सिटी 

जामिया के छात्रों की तरह यहां के सिक्योरिटी गार्ड भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर परेशान दिखे.

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