Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बाल दिवस: सुनिए उर्दू शायर इस्माइल मेरठी की 'नसीहत'

बाल दिवस: सुनिए उर्दू शायर इस्माइल मेरठी की 'नसीहत'

सुनिए इस्माइल मराठी की नज़्म 'नसीहत' जो नैतिक साहस और क्षमा की शक्ति के बारे में बता रही है.

फ़बेहा सय्यद
वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>सुनिए इस्माइल मेरठी की नज़्म 'नसीहत' जो नैतिक साहस और क्षमा की शक्ति के बारे में बता रही है.</p></div>
i

सुनिए इस्माइल मेरठी की नज़्म 'नसीहत' जो नैतिक साहस और क्षमा की शक्ति के बारे में बता रही है.

(फोटो: क्विंट हिंदी/ अरूप मिश्रा)

advertisement

कहा जाता है कि अगर किसी को अपनी उर्दू पर काम करना है तो उसे उर्दू शायर इस्माइल मेरठी की नज़्म पढ़नी चाहिए. इस्माइल मेरठी ने उर्दू नज़्म ने बच्चों के लिए खूब कविताएं लिखी हैं. लेकिन उनकी नज़्मों को पढ़ते हुए एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि भले ही वो अपनी नज़्मों में बच्चों से सम्बोधित होते हैं. लेकिन उनकी नज़्में एक बड़े उद्देश्य की तरफ इशारा करती हैं.

इसीलिए बाल दिवस पर, उर्दूनामा में सुनिए उनकी एक नज़्म, 'नसीहत', जो न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़ों को भी सुन्नी चाहिए.

करे दुश्मनी कोई तुम से अगर

जहाँ तक बने तुम करो दरगुज़र

करो तुम न हासिद की बातों पे ग़ौर

जले जो कोई उस को जलने दो और

अगर तुम से हो जाए सरज़द क़ुसूर

तो इक़रार ओ तौबा करो बिज़्ज़रुर

बदी की हो जिस ने तुम्हारे ख़िलाफ़

जो चाहे मुआफ़ी तो कर दो मुआफ़

नहीं, बल्कि तुम और एहसाँ करो

भलाई से उस को पशेमाँ करो

है शर्मिंदगी उस के दिल का इलाज

सज़ा और मलामत की क्या एहतियाज

भलाई करो तो करो बे-ग़रज़

ग़रज़ की भलाई तो है इक मरज़

जो मुहताज माँगे तो दो तुम उधार

रहो वापसी के न उम्मीद-वार

जो तुम को ख़ुदा ने दिया है तो दो

न ख़िस्सत करो इस में जो हो सो हो

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT