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‘चिन्मयानंद के कॉलेज में चल रहा रैकेट,सबको पता है’-ग्राउंड रिपोर्ट

चिन्मयानंद केस में शाहजहांपुर से क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट

ज़िजाह शेरवानी
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चिन्मयानंद केस में शाहजहांपुर से क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट
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चिन्मयानंद केस में शाहजहांपुर से क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा शहर है शाहजहांपुर. लेकिन इस शहर का नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या आता है? धूल भरी सड़कें , सड़क किनारे लगे खाने के ठेले , एक बेतरतीब शहर - या एक ऐसा मामला जिसने सुर्खियां बटोरीं.

शाहजहांपुर पुलिस ने चिन्मयानंद को अपहरण और आपराधिक धमकी के लिए आईपीसी की धारा 364 और धारा 506 के तहत गिरफ्तार किया.

शाहजहांपुर से ही इस मामले की शुरुआत हुई जहां एक शक्तिशाली राजनेता, शायद इस जगह का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगा.

इस मामले ने मीडिया का ध्यान तब खींचा, जब 24 अगस्त को शाहजहांपुर में पढ़ने वाली एक कानून की छात्रा लापता हो गई. उसने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उसने आरोप लगाया गया कि ‘संत समाज’ का एक नेता उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है. उसने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है.

उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की अपील की. उसके पिता ने चिन्मयानंद पर अपहरण का आरोप लगाया.

लेकिन अब सवाल ये है कि चिन्मयानंद कौन हैं? कृष्णपाल सिंह उर्फ चिन्मयानंद पूर्व बीजेपी सांसद हैं. वो राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे थे. शाहजहांपुर के काफी प्रभावशाली लोगों में इनका नाम आता था.

25 अगस्त को, चिन्मयानंद के वकील ने उनकी ओर से जबरन वसूली की शिकायत दर्ज की.

लड़की के पिता पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाते हैं. वो एसपी से मिलते हैं लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं होता है. 27 तारीख को आखिरकार एफआईआर दर्ज होती है और डीएम क्या कहते हैं? वो भी शिकायतकर्ता के पिता से सुनिए-

डीएम साहब का बर्ताव सही नहीं था. घूरते हुए बोले- “पता है किसके खिलाफ FIR लिखा रहे हो?” तो मैंने कहा मैं एक लाइन नहीं बदलूंगा. गुमशुदगी की रिपोर्ट मांग रहे थे. बार-बार वो बाबा जी के इशारे पर चल रहे हैं.  
शिकायतकर्ता के पिता
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30 अगस्त को लड़की को आखिरकार राजस्थान के दौसा से ढूंढ निकाला गया. यूपी पुलिस ने लड़की की खोज के बाद अपने मीडिया संबोधन में कहा- ‘हमने उसे रिकवर किया है, साथ में एक लड़के को भी रिकवर कर लिया गया है. हम उन्हें संबंधित अदालत में पेश करेंगे’

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन करने का आदेश दिया.

10 सितंबर को, कुछ वीडियो वायरल होते हैं जिसमें स्वामी चिन्मयानंद को नग्न देखा गया और शिकायतकर्ता उनकी मालिश कर रही है. उसी दिन, एक और वीडियो वायरल हो जाता है. इस वीडियो में लड़की 4 लड़कों के साथ बैठी है और वो कुछ टेक्स्ट मैसेज के बारे में बात कर रहे हैं.

जिसके बाद 20 सितंबर को स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया गया.

“कोई भी उनके खिलाफ खुलकर विरोध नहीं करना चाहता”

शिकायतकर्ता एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी. वहां जाकर जब हमने प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने साफ मना कर दिया. वो कैमरे पर नहीं आना चाहते थे. उन्होंने साफ बोल दिया कि मामला एसआईटी के पास है.

कुछ छात्रों से बात करने पर उन्होंने हमें बताया कि कोई भी उनके खिलाफ खुलकर विरोध नहीं करना चाहता. क्योंकि वो एक 'बाहुबली' बाबा हैं. इससे पहले 2011 में, उनकी एक शिष्या थी, उन्होंने रेप का आरोप बाबा के ऊपर लगाया था. उन्होंने कोर्ट-कचहरी वगैरह सब कुछ किया लेकिन बाबा को कुछ नहीं हुआ. “जो लोग यहां पढ़ते हैं, जो कॉलेज के संपर्क में हैं, उन सबको जानकारी है, पूरा रैकेट चल रहा है, नीचे से ऊपर तक, सब लोग इसमें शामिल हैं.”

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Published: 07 Nov 2019,01:55 PM IST

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