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“सरकार की वैक्सीन पॉलिसी में उलझन, ये हैं 6 सुझाव”
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी को उलझाने वाली बताया
क्विंट हिंदी
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
वीडियो एडिटर: शुभम खुराना
1 मई से 18 साल के ऊपर वालों को भी वैक्सीन मिलने लगेगी. जिसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रकिया जारी है. कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी को बेकार और उलझाने वाली बताया है. इसके लिए उन्होंने 6 स्टेप वैक्सीनेशन पॉलिसी का भी सुझाव दिया है.
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भारत एक बड़े कोविड संकट के बीच में है. हम रोजाना केसों और मौत के आंकड़ों के बारे में सुन रहे हैं. ये एक गंभीर मानवीय त्रासदी है. अगर हमें इस त्रासदी से बाहर निकलना है, तो केवल एक ही नंबर पर फोकस करना है, और वो है- पूरी तरह से लोगों को वैक्सीन देना. क्योंकि कोरोना वायरस को हराने का इकलौता तरीका यही है कि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट किया जाए.
26 अप्रैल 2021 तक, केवल 1.6% लोगों को दोनों डोज लगी है. इजरायल में 60%, अमेरिका में 30% और यूके में करीब 20% लोगों को पूरी वैक्सीन लग चुकी है. हमारा इकलौता मकसद यही होना चाहिए कि हम कैसे 1.6% को जल्द से जल्द 50% तक लेकर जाएं.
भारत सरकार ने इसे लेकर एक नई पॉलिसी का ऐलान किया है. ये बेकार और उलझाने वाली पॉलिसी है. इस पॉलिसी के मुताबिक, मान लीजिए कि कोई तमिलनाडु का 45 साल का शख्स कोविशील्ड वैक्सीन लगवाना चाहता है, तो उसे इतने विकल्पों की जटिलताओं में उलझना पड़ेगा.
आप केंद्र सरकार के जरिये सरकारी अस्पताल में मुफ्त में वैक्सीन लगवा सकते हैं,
अपने राज्य में नियम के मुताबिक, मुफ्त में या कम रकम देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.
आप 600 रुपये से ज्यादा की रकम देकर प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन लगवा सकते हैं.
हम एक नेशनल इमरजेंसी के बीच में हैं, और हमारा मकसद जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देना है. इस प्राइसिंग मॉडल से केवल कंफ्यूजन पैदा होगी. कोविड वैक्सीन कोई फ्लाइट टिकट नहीं है, जिसके लिए हर पैसेंजर अलग-अलग रकम दे रहा है. कोविड वैक्सीन देश और समाज की भलाई के लिए है.
6 स्टेप्स की एक आसान वैक्सीनेशन पॉलिसी का सुझाव
सरकार को वैक्सीन निर्माताओं के साथ एक स्टैंडर्ड कीमत तय करनी चाहिए, ये पारदर्शी तरीके से होना चाहिए, जिससे वैक्सीन निर्माता सरकार के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन कर सके और सरकार के लिए भी ये किफायती हो.
सरकार फिर राज्य सरकारों से अपनी जनता के हिसाब से सीधा वैक्सीन निर्माताओं के पास ऑर्डर देने के लिए कहे.
केंद्र सरकार सीधा वैक्सीन निर्माता को भुगतान करे और सभी राज्यों के लिए वैक्सीन मुफ्त करे.
राज्य सरकारें हर जिले में वैक्सीनेशन क्लिनिक और कैंप लगाएं, और लोगों को वैक्सीन दें. प्राइवेट अस्पतालों और क्लिनिक को भी वैक्सीनेशन कैंप लगाने की अनुमति दी जाए.
आधार नंबर के जरिये हर वैक्सीनेशन को ट्रैक करने के लिए CoWIN का इस्तेमाल किया जा सकता है.
केंद्र सरकार फिर रोजाना इस जानकारी को पब्लिश कर सकती है. इसमें हर जिले और हर राज्य में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों का नंबर होगा. इससे राज्यों में लोगों को जल्द वैक्सीन देने के लिए प्रतियोगिता पैदा हो सकती है.
इस तरह से भारत अपने ज्यादा लोगों को जल्द वैक्सीन दे पाएगा और हम कोरोना को हरा पाएंगे.