Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कहीं किसानों के किचन में न हो जाए ‘लॉकडाउन’

कहीं किसानों के किचन में न हो जाए ‘लॉकडाउन’

कोरोनावायरस लॉकडाउन का किसानों पर क्या पड़ेगा असर,समझिए

योगेंद्र यादव
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देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन का असर होगा. एक तरफ जिंदगी बचाने की चिंता है वहीं दूसरी ओर जिंदगी चलाने की चिंता है. देश में क्या हो रहा है, क्या किया जा सकता है ताकि चलती रहे जिंदगी. आज कहानी किसान की क्योंकि मैं किसान आंदोलन से जुड़ा रहा हूं. पिछले दो-तीन दिन से देशभर के किसान साथियों से बात होती रही है. सबकी कहानी सुन रहा हूं. इस लॉकडाउन का क्या-क्या असर हुआ है किसानों पर?

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तीन बातें हैं. फूल, फल और फसल. फूल भी खेती करके प्रोड्यूस किए जाते हैं. जहां 40-50 क्विंटल फूल रोज बेचे जाते थे वहां अब सिर्फ चार-पांच क्विंटल फूल बेचे गए हैं बाकी बचे फूल खत्म हो जाएंगे. बड़े-बड़े शहरों में फल-सब्जी के मार्केट बंद हो रहे हैं. मुंबई का सब्जी मार्केट बंद होने वाला है. ऐसे हालात में हम सब्जी की जगह दाल बना लेंगे काम चला लेंगे लेकिन उन किसानों का क्या होगा? उनके लिए इसका मतलब है कि ज्यादातर फसल सड़ जाएंगे, बर्बाद हो जाएंगे और किसान कुछ नहीं कर सकता. ये पेरिशेबल कमोडिटीज है. इसके लिए उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलेगा, कोई इंश्योरेंस नहीं होगा. क्योंकि पेरिशेबल कमोडिटीज के लिए कोई ऐसी योजना नहीं है.

उदाहरण के तौर पर पंजाब को ले लीजिए. 23 मार्च को वहां कर्फ्यू लग गया. बाहर जाने के लिए पास की जरूरत पड़ रही है. पास कैसे मिलेगा किसी को पता नहीं. दूध वाले दूध लेकर बाहर कैसे निकलेंगे? इसकी कोई व्यवस्था या जानकारी अभी तक नहीं है. ये दिक्कत है जो जानबूझकर नहीं पैदा की जा रही है लेकिन इनके बारे में सोचना पड़ेगा.

किसान के लिए ये पूरे 6 महीने एक सीजन की कमाई की बात है. फूल और फल से बड़ी समस्या फसलों के बारे में है. ये रबी की फसल का समय है. ये सीजन फसलों को मंडी में लाने का है. चना, जौ, दालें, सरसों, गेहूं जैसी फसलें अब मंडी में आनी शुरू होती है. मंडिया बंद हो रही है. दाम गिरने शुरू हो रहे हैं. किसान अपनी फसल गारंटीड दाम पर बेच सके इसके लिए सरकार प्रोक्योरमेंट सेंटर खोल दे. प्रोक्योरमेंट सेंटर बना दे. इसके बिना किसान अपनी फसल सही दाम पर नहीं बेच पाएगा.

किसानों को बहुत भारी नुकसान होने वाला है. किसानों की पेमेंट पेंडिंग है.

अब ऐसे में क्या किया जा सकता है- चार सुझाव हैं.

  1. किसानों को एरियर्स के भुगतान किए जाएं. सरकार को इसके लिए सिर्फ एक निर्देश जारी करना है.
  2. प्रोक्योरमेंट सेंटर चलाने होंगे. ये मुश्किल काम है, आसान नहीं. इसे इमरजेंसी सर्विस के अंदर लेकर आना होगा और इसे जारी रखना होगा.
  3. किसान 6 महीने के लिए क्रॉप का लोन लेता है. उसे चुकाने की तारीख तय होती है. मध्यप्रदेश में ये तारीख 28 मार्च की है. अगर उस डेट तक किसान लोन वापस नहीं करता है तो अगले दिन उसका इंटरेस्ट 4 परसेंट से बढ़कर 12 परसेंट हो जाता है. इसे केंद्र सरकार सिर्फ आरबीआई के एक सर्कुलर से ठीक कर सकती है. इसमें छूट दे देनी चाहिए.
  4. पीएम किसान योजना के तहत एडिशनल 2000 रुपये किसानों के बैंक अकाउंट में भेज देनी चाहिए. उनके पास कुछ दिन के लिए अपना घर चलाने का बंदोबस्त हो जाएगा.

देश का लॉकडाउन है,ख्याल रखना होगा कि किसान के किचन का लॉकडाउन ना हो जाए!

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Published: 23 Mar 2020,10:14 PM IST

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