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पंजाब के फाजिल्का शहर में रहने वाले 24 साल के सुनील कश्यप जूस बेचते हैं. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि COVID-19 का इलाज खोजने के लिए होने वाले चिकित्सीय ट्रायल के लिए वो अपना शरीर डोनेट कर सकें. कश्यप 2 साल की उम्र से ही पोलियो से ग्रसित है.
वो चाहते हैं कि उनके शरीर पर COVID-19 के इलाज के लिए खोजी जा रही दवाओं के असर को जांचा जा सके, ताकि देश को जल्द इसका इलाज मिल सके.
कश्यप के चार बड़े भाई और माता-पिता हैं जो सब्जी बेचते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके परिवार को उनके फैसले से कोई समस्या होगी, तो उन्होंने कहा, “जब मेरे फैसले के बारे में मेरे परिवार और पड़ोसियों को पता चला तो उन्होंने कहा कि मेरा फैसला सही था. हालांकि, वे इस बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं. लेकिन फाजिल्का के मेरे सभी दोस्त और सामाजिक कार्यकर्ता मेरे साथ हैं और उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया है, जिसमें मेरा परिवार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि अगर मैं देश की मदद कर रहा हूं तो उन्हें कोई समस्या नहीं है.”
फिलहाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा फंडेड संस्था इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR, WHO के साथ उन ट्रायल में हिस्सा ले रहा है जिनमें दूसरी बीमारियों की दवा का COVID-19 पॉजिटिव मरीजों पर असर पता लगाने की कोशिश हो रही है.
बता दें, पंजाब सरकार ने राज्य में लॉकडाउन 1 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने राज्य में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में कोरोना वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज की ओर बढ़ रहा है. वहीं पंजाब में आज कोरोना के 21 नए मामले सामने आए हैं. राज्य में अब कुल पॉजिटिव मामले 151 हो गए हैं.
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