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हिट गाने लिखने वालों से सुनिए, कैसे उनपर हो रहा ‘अत्याचार’

क्विंट ने इसी मुद्दे पर वरुण ग्रोवर, स्वानंद किरकिरे, प्रिया सरैया, अन्विता दत्त और नीलेश मिसरा से खास बातचीत की.

दीक्षा शर्मा
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‘क्रेडिट डे दो यार’ गीत में 15 समकालीन गीतकारों ने अपने हक की मांग की है
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‘क्रेडिट डे दो यार’ गीत में 15 समकालीन गीतकारों ने अपने हक की मांग की है
(फोटो: altered by Quint Hindi)

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वीडियो एडिटर: वीरु कृष्ण मोहन

जब म्यूजिक की बात आती है, तो गीतकारों का उसमें अहम रोल होता है. लेकिन अफसोस, गीतकारों को उस तरह की मान्यता नहीं मिली है, जितने के वो हकदार हैं. जितने से हम उन्हें और उनके काम को याद कर सके. इसी मुद्दे पर ध्यान खींचने के लिए , कवि और गीतकार वरुण ग्रोवर ने सोशल मीडिया पर एक खूबसूरत वीडियो साझा किया और स्पष्ट रूप से ये संदेश दिया - क्रेडिट दे दो यार.

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'क्रेडिट डे दो यार' शीर्षक के इस गीत में हिंदी फिल्म जगत के 15 समकालीन गीतकारों ने अपने हक की मांग की है. गीत को कौसर मुनीर, वरुण ग्रोवर ने लिखा है और स्वानंद किरकिरे ने गाया है . 'क्रेडिट दे दो यार' फिल्म जगत में गीतकारों की दुर्दशा की तरफ ध्यान खींचता है.

क्विंट ने इसी मुद्दे पर वरुण ग्रोवर, स्वानंद किरकिरे, प्रिया सरैया, अन्विता दत्त और नीलेश मिसरा से खास बातचीत की.

क्या गलत है?

दुर्भाग्य से, हिंदी फिल्म जगत का गीतकारों के योगदान को मान्यता नहीं देने का एक लंबा इतिहास है. आनंद बख्शी के बेटे राकेश आनंद बख्शी (जिन्होंने हाल ही में इसी तरह के एक मुद्दे पर ट्वीट किया था) से लेकर इरशाद कामिल तक. इरशाद का नाम तो इम्तियाज अली के रॉकस्टार के लिए म्यूजिक की पहली सीडी से भी गायब था. संगीतकार, फिल्म निर्माता और म्यूजिक कंपनियां म्यूजिक से फायदे कमाती हैं, लेकिन गीतकारों को लंबे समय से नजरअंदाज किया गया है.

'क्रेडिट दे दो यार ’लोगों को इस बात से अवगत कराने की कोशिश है कि वर्तमान समय में, YouTube और म्यूजिक स्ट्रीमिंग एप्लिकेशन किस तरीके से उचित क्रेडिट नहीं देते हैं. लोगों को इसके लिए जागरूक करने का ये गीतकारों का प्रयास है.

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