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हे भगवान इतनी नफरत! मंदिर में बच्चे की पिटाई को जायज ठहरा रहे

डासना देवी मंदिर में पानी पीने के लिए प्रवेश करने पर नाबालिग मुस्लिम बच्चे से मारपीट

अस्मिता नंदी
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नरसिंहानंद सरस्वती
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नरसिंहानंद सरस्वती
(Photo: Quint Hindi)

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यूपी के गाजियाबाद जिले में एक मंदिर में प्रवेश को लेकर नाबालिग मुस्लिम बच्चे की पिटाई कर दी गई. इस मामले में क्विंट ने मंदिर से जुड़े लोगों की राय जाननी चाहिए.

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द क्विंट की रिपोर्टर के अनुसार, एक SUV गाड़ी मंदिर के बाहर आकर रुकती है, जिसमें से दो सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी निकलते हैं और हमारे कैमरों को ब्लॉक कर देते हैं. डासना मंदिर के मुख्य पुजारी, नरसिंहानंद सरस्वती, अपने समर्थकों से घिरे रहते हैं और समर्थक उन्हें चरण स्पर्श करते हैं.

हमें शक भरी नजरों से देखते हुए, वे पूछते हैं कि “आप लोग कहां से हैं?” जिसके जवाब में हम कहते हैं कि “हम द क्विंट से हैं सर”

इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि, इन्हें मंदिर परिसर से तुरंत बाहर करो.

कई बार रिक्वेस्ट करने और इस बात की पुष्टि करने पर, कि हम दोनों हिन्दू रिपोर्टर हैं. मुख्य पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती हमसे बात करने के लिए तैयार हुए. हमने उनसे मंदिर में पानी पीने के लिए प्रवेश करने पर नाबालिग मुस्लिम बच्चे की पिटाई को लेकर बात की.

“मेरे समर्थकों ने उस मुस्लिम बच्चे को पीटा, क्योंकि वे सभी मुस्लिमों को संदेह की नजर से देखते हैं. हम मंदिर परिसर के अंदर किसी भी मुस्लिम को प्रवेश नहीं देना चाहते हैं. चाहे वह कोई पत्रकार हो या सरकारी अधिकारी. यह मंदिर सनातन धर्म के भक्तों के लिए है.”
नरसिंहानंद सरस्वती

मेरा अपराध क्या है, पानी पीना या मुस्लिम होना?

मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार पर एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि, यह मंदिर सिर्फ हिंदुओं के लिए है. नरसिंहानंद सरस्वती के निर्देशानुसार, इस मंदिर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक है.

(Photo: Asmita Nandy/The Quint)

14 वर्षीय सुल्तान ने कहा कि, वह अपनी नौकरी से लौट रहा था और मंदिर के गेट पर लगे बोर्ड को देखना भूल गया. मैं बहुत प्यासा था और मुझे मंदिर में ट्यूबवेल दिखाई दी इसलिए मैं मंदिर के अंदर चला गया. जब मैं बाहर निकल रहा था, तो 2 पंडितों ने मुझे रोक लिया और पूछताछ करने लगे. जब उन्होंने मेरा नाम जाना, उसके बाद वे मुझे पीटने लगे. मेरे निजी अंगों पर भी मारा.

नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि, मंदिर के बाहर बोर्ड काफी सालों से लगा हुआ है. दरअसल मंदिर में महिलाओं से बदसलूकी और चोरी की घटना को रोकने के लिए यह बोर्ड लगाया हुआ है.

नरसिंहानंद और उनके सेवक सुनेता नंदन, दोनों का दावा है कि वह लड़का मंदिर में चोरी करने के लिए आया था, इसलिए उसकी पिटाई की गई. हालांकि अपने इस दावे को लेकर दोनों हमें कोई सबूत नहीं दे सके और ना ही वे दोनों घटना के समय मंदिर में मौजूद थे.

लेकिन, नरसिंहानंद का कहना है कि, इस मामले में गिरफ्तार हुए उनके 2 समर्थकों के लिए लड़ाई लड़ेंगे. नरसिंहानंद ने कहा कि, “वे मेरे समर्थक हैं और उनके लिए मैं कुछ भी करूंगा.”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपी ऋंगि नंदन यादव, जो कि तस्वीर में हथियार पकड़े हुए और नरसिंहानंद के विवादित भाषणों को शेयर करते हुए देखा जा सकता है, वह बिहार का रहने वाला है और उसने कथित रूप से मंदिर में शरण ले रखी है. लॉकडाउन के दौरान उसकी नौकरी चली गई थी. ऋंगि यादव और उसके साथी के खिलाफ इस मामले में पुलिस ने सेक्शन आईपीसी की धारा 504, 505, 323 और 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.

मुस्लिम बच्चे के साथ हुई इस मारपीट का वीडियो पहले @HinduEktaSanghh के इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड हुआ था, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया. इस इंस्टाग्राम हैंडल को कथित तौर पर इस्लामोफोबिक और नफरत भरी पोस्ट के लिए यूज किया जाता है. मुस्लिम बच्चे के साथ मारपीट के वीडियो का शीर्षक देते हुए ऋंगी नंदन की तारीफ की गई थी, जिसमें लिखा था कि ऋंगी ने बहादुरी दिखाते हुए मुस्लिमों को बेनकाब किया.

पिटने वाले लड़के का वीडियो सबसे पहले हिंदू एकता संघ के इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किया गया था जो अब हटा लिया गया है(Photo: Screenshot)  

नफरत भरे भाषण से लेकर हथियारों की ट्रेनिंग: नरसिंहानंद सरस्वती से जुड़े हैं कई विवाद

डासना स्थित देवी मंदिर के मुख्य पुजारी, नरसिंहानंद सरस्वती हिन्दुवादी संगठन हिन्दू स्वाभिमान और अखिल भारतीय संत परिषद के नेता हैं.

नरसिंहानंद ‘मुसलमानों के खिलाफ अंतिम युद्ध’ की बात कहते आए हैं और उनका मानना है कि मानवता को बचाने के लिए इस्लाम को खत्म करना चाहिए.

कई मौकों पर पश्चिम यूपी में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के मामलों में नरसिंहानंद सरस्वती का नाम सामने आया है, इनमें दिल्ली के कुछ इलाके भी शामिल हैं.

नरसिंहानंद सरस्वती ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने से पहले कथित रूप से विवादित बयान दिए थे. इन बयानों में कहा गया था कि, इस्लाम को खत्म करके ही मानवता को बचाया जा सकता है और अगर हम इन दानवों को नहीं खत्म करते हैं तो, हम कैसे जीयेंगे?

2017 में डासना देवी मंदिर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोगों को मंदिर के अंदर हथियार चलाए जाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस बारे में जब नरसिंहानंद सरस्वती से पूछा गया कि मंदिर में हथियार का इस्तेमाल कानूनी रूप से सही है, तो उन्होंने कहा कि, उनके पास लाइसेंस है. जब ISIS से युद्ध शुरू होता है, तो कानूनों से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

2015 में द क्विंट की डॉक्यूमेंट्री में नरसिंहानंद सरस्वती को अपने समर्थकों के साथ देखा जा सकता है, जिसमें वे बच्चों को यह सीखाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुसलमानों के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, जो कि हिन्दू महिलाओं का शोषण करते हैं. इस डॉक्यूमेंट्री में इस बात का खुलासा हुआ था कि कैसे नरसिंहानंद सरस्वती मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाता है.

डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती ने 2015 में एक डॉक्यूमेंट्री के लिए द क्विंट से बात की थी(Photo: The Quint)  

हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब 14 वर्षीय नाबालिग मुस्लिम बच्चे की पिटाई से नरसिंहानंद सरस्वती सुर्खियों में आए हैं. इससे पहले भी इस इलाके में ऐसे मुस्लिम समुदाय के साथ ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

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