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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक, मरीजों की इलाज के बजाए खुद ‘बीमार’ है. कहीं मोहल्ला क्लीनिक अस्तबल बन चुका है तो कहीं कबाड़खाना. दरवाजे पर ताला लगा है लेकिन अंदर सब कुछ लुट चुका है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने 1000 मोहल्ला क्लीनिक बनाने का वादा किया था. लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद उन वादों को तो छोड़िये जो मोहल्ला क्लीनिक बने हैं वो बेहाल है. दिल्ली में अब तक सिर्फ 164 क्लीनिक बने हैं जिनमें से कई की हालत जर्जर है.
मोहल्ला क्लीनिक की हालत की पड़ताल करने क्विंट ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का जायजा लिया.
महारानी बाग, किलोकरी
सबसे पहले हम पहुंचे महारानी बाग इलाके से सटे किलोकरी के मोहल्ला क्लीनिक. सड़क किनारे बने मोहल्ला क्लीनिक को बाहर से देखकर उसके अंदर के उजरेपन का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. दरवाजे पर भले ही ताला लगा हो लेकिन अंदर सब कुछ टूट-फूट चुका है. मार्बल, खिड़की, लाइट्स, ऐसी स्टैंड, पाइप, वाशरूम सब तहस नहस.
किलोकरी के रहने वाले डी सी चंद्रा बताते हैं,
बाबरपुर, कबीर नगर
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र बाबरपुर के मोहल्ला क्लीनिक तो सबसे बेहाल है. मोहल्ला क्लीनिक में घोड़े-खच्चरों का कब्जा है. एक साल पहले बनकर तैयार हुआ ये मोहल्ला क्लीनिक उद्घाटन से पहले आग के हवाले हो गया. आग कैसे लगी किसी को नहीं पता.
बाबरपुर के कबीर नगर इलाके के मोहम्मद सुलेमान बताते हैं,
खजूरी फ्लाईओवर
बसों और गाड़ियों के हॉर्न के शोर के साथ फ्लाईओवर के नीचे बना खजूरी खास का ये मोहल्ला क्लीनिक, कई महीनों से डॉक्टरों का इंतजार कर रहा है.
पंखों और एसी की निगरानी के लिए यहां सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात है. सिक्योरिटी गार्ड, गणेश प्रसाद बताते हैं कि आसपास नशेड़ियों और बदमाशों का डर भी है. दरवाजे पर लगा शीशा टूट ना जाए इसके लिए उसके आगे लकड़ी लगा दी गई है.
गोकलपुरी
गोकलपुरी के मोहल्ला क्लीनिक को बने एक साल बीत चुका है, अंदर एसी, पंखा, सब इंतजाम है लेकिन अब तक शुरू नहीं हो सका है. आसपास के लोग बताते हैं कि इस मोहल्ला क्लीनिक के खुल जाने से वहां रह रहे गरीब लोगों को बहुत फायदा होगा.
इसके अलावा, आजादपुर, संगम विहार और पुरानी दिल्ली के कई मोहल्ला क्लीनिक अपने हाल पर रोने को मजबूर हैं. बता दें कि केजरीवाल सरकार ने 2018-19 में मोहल्ला क्लीनिक के लिए 403 करोड़ का बजट रखा है, लेकिन इन मोहल्ला क्लीनिक को देखने के बाद सवाल उठता है कि अगर इसी हालत में रहे मोहल्ला क्लीनिक तो कैसे होगा मरीजों का इलाज?
मोहल्ला क्लीनिक की बदहाली की रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने खुद मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया और एक जुलाई तक उन सभी मोहल्ला क्लीनिक को ठीक कर चालू करने का निर्देश दिए हैं. सत्येंद्र जैन अपने अधिकारियों के साथ आजादपुर मंडी में बने मोहल्ला क्लीनिक पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि 31 मोहल्ला क्लीनिक करीब डेढ़ साल से बन कर तैयार हैं. जैन ने कहा कि पहले एलजी ने इन्हें शुरू नहीं होने दिया, बाद में अधिकारियों ने हड़ताल कर दी. अब सब नॉर्मल हो गया है. इसलिए हमने नए सिरे से ऑर्डर जारी किया है कि एक जुलाई तक इसे हर हाल में शुरू किया जाए.
जब किलोकरी, महारानी बाग के मोहल्ला क्लीनिक के बारे में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के ऑफिस से संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा
आम आदमी पार्टी के मुताबिक, जो मोहल्ला क्लीनिक खराब हालत में दिख रहे हैं उसकी जिम्मेदारी मोहल्ला क्लीनिक बनाने वाले ठेकेदारों की होगी. पार्टी ने कहा कि सरकार और जनता के पैसे का नुकसान नहीं हुआ है. जो 164 क्लिनिक पहले से खुले हैं वो अच्छी तरह चल रहे हैं. वहीं जो 31 बन कर तैयार हैं, उनमें कुछ दिक्कतें हैं जो जल्द ही दूर कर दी जाएंगी.
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