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पानीपत से मध्य प्रदेश में अपने गांव जाने की कोशिश कर रहे मजदूरों के एक ग्रुप को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा और फिर रात के वक्त सड़क पर ही छोड़ दिया. ताज्जुब की बात ये है कि 12 मजदूरों के इस ग्रुप में एक गर्भवती महिला और तीन बच्चे भी शामिल हैं. अब भी ये लोग सड़क पर हैं.
इन मजदूरों ने पुलिस से गुहार लगाई कि या तो इन्हें शेल्टर होम में रख दिया जाए या फिर ट्रेन में बिठा दिया जाए लेकिन इन दोनों में से पुलिस ने कुछ नहीं किया. ग्रुप में शामिल लोगों को चिंता है कि वो अब घर कैसे लौटेंगे, कुछ नहीं पता. किसी का परिवार गांव में बिलख रहा है तो किसी की जमीन बुला रही है.
अपने गांव की ओर निकले एक मजूदर से बात करने पर उसने बताया कि, “गांव में बच्चे हैं, उनके पास जाना चाहता हूं. यहां कमाई का जरिया नहीं है और वहां भी कुछ नहीं है, लेकिन कुछ खेत जरूर हैं.जिनसे गुजारा कर लेंगे.” मजदूरों का कहना था कि उन्हें ट्रेन को लेकर कोई जानकारी ही नहीं है.
इसी तरह हमें मजदूरों का एक दूसरा ग्रुप भी मिला जिन्हें पुलिस ने पकड़ने के बाद सड़कों पर छोड़ दिया था. हालांकि इन मजदूरों को अब एक अधूरी इमारत में पनाह मिल गई है. इन मजदूरों का कहना है कि अब वो कभी दिल्ली नहीं लौटेंगे हालांकि विडंबनना देखिए इनमें से कुछ ने हमें बताया कि अगर गांव में भी कुछ काम नहीं मिला तो न चाह कर भी दिल्ली लौटना होगा.
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