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रोहिंग्या का दर्द: “हम चोर तो नहीं फिर क्यों ले जाती है पुलिस?”

15 दिनों के अंदर, कम से कम 10 रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के कंचन कुंज शिविर से पुलिस उठाकर ले गई

एंथनी रोजारियो
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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15 दिनों के अंदर, कम से कम 10 रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के कंचन कुंज शिविर से पुलिस उठाकर ले गई. पुलिस का दावा है कि उनके पास दस्तावेज नहीं थे और
उन्हें FRROs* के पास भेज दिया गया है.

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दिल्ली के कंचन कुंज में रिफ्यूजी कॉलोनी के निवासियों के अनुसार, एक परिवार से चार लोगों को पुलिस ने बुधवार 31 मार्च की सुबह उठाया, वहीं दूसरे परिवार के छह लोगों को लगभग 10 दिन पहले ले जाया गया था.

यहां करीब 30 परिवार और 300 व्यक्ति रहते हैं, उनका आरोप है कि जब पुलिस कर्मियों से पूछा गया कि वो उन्हें इस तरह से क्यों ले जा रहे हैं तो उनका कहना था कि उनके पास “ऊपर से आदेश” हैं.

दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने कहा, "उनके पास दस्तावेज नहीं थे, इसलिए उन्हें फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स के पास भेजा गया"

कंजन कुंज के निवासी कबीर का कहना है कि हमारा कसूर क्या है? वे हमें बिना किसी कारण के उठा रहे हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि अगर उठाए जा रहे लोग चोर होते या आपराधिक घटना में शामिल होते, तो उन्हें उठाया जाना सही था.

बशीर अहमद कहते हैं कि मैंने उनसे कहा कि हमें म्यांमार में उसी तरह सताया जाता है जैसे हम यहां परेशान हो रहे हैं. वहां भी, वे सभी परिवार के सदस्यों को ले जाते हैं और उनके साथ मारपीट करते हैं.

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