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नोटबंदी के एक साल बाद क्या है देशभर के लोगों की राय

कुछ लोग डिजिटल तरीके से लेनदेन को लेकर शुरू में तो उत्साहित दिखे लेकिन अब फिर से बड़े स्तर पर नकदी से खरीद होने लगी

द क्विंट
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नोटबंदी के एक साल बाद देशभर के लोगों की राय
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नोटबंदी के एक साल बाद देशभर के लोगों की राय
(फोटो: द क्विंट)

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नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर देशभर से लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है. एक बड़े तबके ने कहा कि इससे लोगों को शुरू में तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन आगे इससे फायदे मिलेंगे. हालांकि कुछ देशवासियों ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले की आलोचना भी की.

कुछ लोगों ने ये भी कहा कि डिजिटल तरीके से लेनदेन को लेकर शुरू में तो बहुत उत्साह रहा लेकिन अब फिर से बड़े स्तर पर नकदी से खरीदारी हो रही है.

नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर आइए जानते हैं भारत के लोगों की राय?

पिछले साल हुई नोटबंदी का असर हम अब तक झेल रहे हैं. इस घटना से होटल इंडस्ट्री अब तक नहीं उबर पाई है. होटल इंडस्ट्री के बिजनेस में 30-35% तक की गिरावट हुई. हमें नहीं पता हम इससे कब उबर पाएंगे और कब अच्छी ग्रोथ देख पाएंगे.
अजीज, एसोसिएट स्टेट सेक्रेटरी, होटल इंडस्ट्री, कोचीन
शुरुआत में नोटबंदी से समस्या आई थी. लेकिन अब कोई समस्या नहीं है. अब सभी लोगों का काम सामान्य तरीके से चल रहा है.
साड़ी कारोबारी, कानपुर
पहले छह महीने हमें हमारे व्यापार में दिक्कत आई. पहले छोटे व्यापारियों को कैश की बहुत किल्लत आई थी. नए नोट के लिए लोगों को लाइनों में लगना पड़ा था. नोटबंदी मोदी जी का सपना था. लेकिन इस सपने को बैंकवालों ने फेल कर दिया.
टेक्सटाइल कारोबारी, सूरत

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकरों ने भी नोटबंदी के मुश्किल भरे समय को याद किया.

हम लोगों के साथ कोई मुश्किल नहीं हुई. बुनकरों के लिए समस्या थी. हमने उनको चेक से पेमेंट देने का निर्णय लिया. लेकिन ज्यादातर बुनकरों के पास बैंक अकाउंट नहीं था. थोड़े दिनों बाद जब हमारे पास कैश आने लगा, तो समस्याएं खत्म होने लगी. साथ ही उन्होंने बैंक अकाउंट भी खुलवा लिए.
केशव तिवारी, मैनेजिंग डायरेक्टर, तिवारी लूम्स, वाराणसी

अलीगढ़ के ताला बनाने वाले नजर आए नाराज

नोटबंदी से पहले बहुत ही अच्छा काम था. पहले पूरे महीने काम करते थे. लेकिन नोटबंदी के बाद काम की स्थिति बहुत बिगड़ गई. अभी तक हालात नहीं सुधरे है.
मजदुर, ताला इंडस्ट्री, अलीगढ़

मुझे लगता है कि ये कदम सही है. अगर इससे भ्रष्टाचार खत्म होता है, तो अच्छा है. शुरुआती परेशानी अब खत्म हो चुकी हैं.

अगर वो भ्रष्टाचार खत्म करते हैं तो देश फिर तरक्की करने लगेगा. अब बाजार में नोट की तंगी नहीं है. नए नोट आसानी से लोगों तक पहुंच रहे हैं. अब किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है.
स्थानीय निवासी, मुंबई

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में नोटबंदी का ऐलान किया था. 500 और 1000 रुपये के नोट को पीएम नरेंद्र मोदी ने अवैध करार दे दिया था. एक साल बाद भी, उस दिन के फैसले पर लोगों की राय काफी बंटी हुई दिख रही है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के सेब किसानों का दर्द, बताए नोटबंदी के नुकसान

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